Bihar Bridge : गंगा पर बनने वाला सुल्तानगंज-अगुवानी पुल (sultanganj aguwani bridge) फिर एकबार सुर्खियों में हैं. खगड़िया के अगुवानी घाट व भागलपुर के सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे इस पुल के पिलर का मलबा शनिवार को ढह गया. पानी के तेज बहाव में पाया नंबर 9 और 10 के बीच का सपोर्टिंग सिस्टम बह गया तो फिर एकबार इस पुल से जुड़ा मामला गरमा गया. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इधर, पुल निर्माण निगम ने बयान जारी करके बताया कि यह पुल अब नये सिरे से बनेगा.
अब नये सिरे से अगवानी घाट पुल का निर्माण होगा
पुल निर्माण निगम ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि पटना हाइकोर्ट के निर्देश के अनुसार संबंधित एजेंसी को अपनी लागत पर नये सिरे से पूर्व में धवस्त पुल का निर्माण कराना है. इस आदेश के आलोक में नया डिजाइन तैयार कराया जा रहा है. इसकी प्रक्रिया पूरे होते ही नये सिरे से पुल का निर्माण आरंभ होगा.
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पुल के सब-स्ट्रक्चर एवं फाउंडेशन की भी जांच चल रही
निगम ने कहा कि पुल के डिजाइन की जिम्मेवारी एजेंसी की थी. पुल का पहला भाग 30अप्रैल, 2022 को क्षतिग्रस्त हुआ था. इसे तोड़कर हटाने का निर्देश दिया गया था. इसके डिजाइन की जांच आइआइटी रूड़की द्वारा करायी गयी थी. इसके अलावा पुल के सब-स्ट्रक्चर एवं फाउंडेशन की भी जांच करायी जा रही है.
पुल का कौन सा हिस्सा शनिवार को ढहा?
पुल निर्माण निगम ने कहा कि कि इसी बीच पूर्व में क्षतिग्रस्त हुए भाग के हिस्से जिसे हटाया जा रहा था, गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि एवं तेज बहाव होने के कारण शनिवार को क्षतिगस्त हो गया. यह भाग पूर्व के क्षतिग्रस्त भाग, जिसे हटाया जाना था, का ही एक हिस्सा था. पिछले दुर्घटना के बाद इस पुल पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कराया जा रहा है. इस बीच इस तकनीक पर बन रहे पुल का दूसरा भाग चार जून, 2023 को क्षतिग्रस्त हो गया. जांच में इसका डिजाइन त्रुटिपूर्ण पाया गया. इसके चलते पुल का निर्माण कार्य तत्काल बंद कर दिया गया. ठेकेदार को इस तकनीक पर निर्माण किये जा रहे सभी भाग को हटाने का आदेश दिया गया है.
हाइकोर्ट को अवगत करायेगी सरकार: उप मुख्यमंत्री
उप मुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अगवानी घट पुल मामले में एजेंसी की संवदेनशीलता दिखायी नहीं पड़ रही है. हाइकोर्ट के निर्देश से सरकार के हाथ बंधे हैं. हम कोर्ट को एजेंसी की लापरवाही से अवगत करायेंगे. एजेंसी की संवेदनहीनता से विभाग पर प्रश्न चिन्ह लग रहा, जनता को परेशानी हो रही है और सरकार की बदनामी हो रही है. ऐसे लोगों के डिजाइन पर आंख मुंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता. पथ निर्माण विभाग इसकी जांच करायेगा. कोई भी दोषी नहीं बचेगा. विजय सिन्हा ने कहा कि यदि पहले एक्शन लिया गया होता तो इस तरह की घटना नहीं होती.यह पुल 30 अप्रैल, 2022 को गिरा था.