बिहार में पुल निर्माण का काम कई जगहों पर जारी है. लेकिन दो पुल ऐसे हैं जिनका निर्माण कार्य आधे में भी फंसा हुआ है. अब उन कंपनियों से कोई आशा भी नहीं है जिन्हें इन पुलों को बनाने की जिम्मेवारी मिली थी. ये दो पुल अलग-अलग जिलों खगड़िया और पूर्णिया के हैं. खगड़िया में 2019 में जिस पुल को बनाने का काम शुरू हुआ उसका निर्माण आधे में छोड़कर ठेकेदार फरार हो गया. दो साल से पुल का काम आधा-अधूरा पड़ा है. वहीं, पूर्णिया में 10 साल बाद भी पुल अधूरा ही पड़ा है. संवेदकों को ब्लैकलिस्ट किया गया है.
10 साल से अधूरा पड़ा है पुल
पूर्णिया के अमौर प्रखंड से गुजरने वाली गेरूआ-कसबा मार्ग में विगत दस साल से बम्माधार पुल का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है. इसे लेकर संवेदक को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है. 6.11 करोड़ की लागत से बनने वाले इस बम्बाधार पुल का निर्माण कार्य 04 मार्च 2014 को प्रारंभ किया गया था. निर्माण कार्य पूर्ण करने अंतिम तिथि 28 फरवरी 2015 निर्धारित की गई थी. इस पुल के निर्माण होने से विष्णुपूर, बरबट्ठा, खरहिया, भवानीपूर, धुरपैली, दलमालपूर, पोठिया गंगेली, तियरपाड़ा झौवारी, अधांग सहित बैसा प्रखंड के दर्जनों पंचायतों के लाखों की आबादी को फायदा मिलेगा. वहीं पूर्णिया एवं किशनगंज जिला को कम दूरी का एक महत्वपूर्ण मार्ग मिलेगा.
अब रिवाइज डीपीआर तैयार किया जा रहा, अधूरा पुल बनेगा
इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता रविन्द्रनाथ शुक्ला से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि बम्माधार पुल निर्माण में बरती गई लापरवाही को लेकर संबंधित संवेदक इंडियन प्रोग्रेसिव कन्सट्रक्सन देवघर को ब्लेक लिस्टेड कर दिया गया है . योजना की अंतिम मापी कर रिवाइज डीपीआर तैयार कर स्वीकृति हेतु विभाग को भेजा गया है. स्वीकृति मिलने पर इस अधूरे पुल का निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा.
खगड़िया में आधा पुल बनाकर फरार हुआ संवेदक
वहीं दूसरा मामला खगड़िया जिले के अलौली प्रखंड का है. जहां आनंदपुर मारन पंचायत में पुल का निर्माण कर रहे संवेदक पर कार्रवाई शुरू की गयी है. संवेदक को पहले डिवार और फिर ब्लैकलिस्टेड करने की कार्रवाई हुई है. पुल बनाने के लिए शुरू में जो सिक्योरिटी मनी दी गयी थी उसे भी जब्त कर लिया गया है.
6 में 5 पाया का काम करके फरार हुआ ठेकेदार
दरअसल, आनंदपुर मारन पंचायत स्थित सुखासन-हन्ना के बीच कोसी नदी की उपधारा पर 2019 में पुल बनाने का काम शुरू हुआ था. लेकिन पिछले दो साल से पुल निर्माण का काम अधूरा छोड़कर संवेदक यहां से निर्माण सामग्री सब लेकर भी चले गए हैं. इस पुल में बनने वाले कुल 6 पाया में 5 पाया का काम पूरा हुआ था.