बिहार के अगले वित्तीय वर्ष का बजट विकास के छह सूत्रों पर आधारित होगा. पढ़ाई और इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च कर सरकार स्कूली शिक्षा को बेहतर करना चाहती है. आधारभूत संरचनाओं के विस्तार से निर्माण संबंधी गतिविधियों में उछाल आयेगी. बजट में स्वास्थ्य और कृषि जैसे क्षेत्रों को चुनौतियों से सामना करने लायक बनाने का प्रावधान किया गया है…
बिहार सरकार ने 2022-23 के बजट में समाज के सभी तबकों के लिए राहत और विकास को गति देने की रणनीति बनायी है. उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधान मंडल में सोमवार को बजट पेश किया, जो पिछले बजट से 19 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है.
दो लाख 37 हजार छह सौ 91 करोड़ रुपये के बजट आकार को विकास के छह सूत्रों में बांटा गया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, गांव और शहरी इलाकों में आधारभूत संरचनाएं तथा जन कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार का विशेष फोकस है. सबसे अधिक शिक्षा पर 39191.87 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.
सरकार का जोर बिजली-सड़क-पानी जैसी आधारभूत संरचनाओं पर है. इस पर 29749 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसी तरह स्वास्थ्य पर 16134.39 करोड़, कृषि सेक्टर में 7712.30 करोड़, कल्याण योजनाओं पर 12375.07 करोड़ रुपये और उद्योग में निवेश पर 1643.74 करोड़ का प्रावधान किया गया है. एससी-एसटी के लिए चल रही योजनाओं के लिए 19688.46 करोड़ रुपये का प्रावधान है. कुल मिला कर बजट में सबके लिए कुछ न कुछ है.
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Published By: Thakur Shaktilochan