बिहार सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट को छह सूत्रों में पिरोया है. इनमें तीन सामाजिक क्षेत्र के हैं और तीन अर्थव्यवस्था से संबंद्ध हैं. अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में कृषि, आधाभूत संरचना और उद्योग सेक्टर को रखा गया है. जबकि, तीन सामाजिक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य और विभिन्न वर्गों की कल्याण योजनाओं को शामिल किया गया है. सरकार की ओर से यह सही रैंकिंग की गयी है.
आधारभूत संरचना जिसमें ग्रामीण और शहरी इलाके समाहित किये गये हैं, पर 29749 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है. सरकार का यह सराहनीय कदम है. राज्य की 80 फीसदी जनता अब भी कृषि पर निर्भर करती है. सरकार ने कृषि को भी इसलिए अपनी प्राथमिकता सूची में रखा है. सरकार इस पर वर्ष 2022-23 में 7712 करोड़ रुपये खर्च करेगी. कृषि के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग हो रहे हैं, पैदावार बढ़ी है. इसलिए राज्य के लिए उद्योग से अधिक कृषि को फोकस किया गया है.
उद्योग पर 1643.74 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है. सबसे अधिक फोकस इथेनाल उत्पादन पर किया गया है. बिहार में चीनी मिलों की अधिक संख्या को देखते हुए इथेनाल उत्पादन की संभावना अधिक है. फिलहाल, 151 इथेनाल यूनिट स्थापित करने की पहले चरण की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इससे आर्थिक मोर्चे पर भी लाभ हासिल होगा और रोजगार के भी नये अवसर पैदा होंगे. बजट में सरकार की आर्थिक मोर्चे पर कड़े अनुशासन की भी झलक दिखती है. राजकोषीय घाटे को भी लिमिट में रखा गया है.
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शिक्षा के क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में ठीक-ठाक बढ़ोतरी की गयी है. नये वित्तीय वर्ष में शिक्षा पर 39191.87 करोड़ रुपये खर्च किये जाने का प्रावधान किया गया है. इसमें स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति की भी चर्चा की गयी है. जिन स्कूलों को उत्क्रमित किया गया है, उसके भवन निर्माण को सरकार ने प्राथमिकता दी है.
स्वास्थ्य विषय को भी सरकार के फोकस एरिया में रखा गया है. स्वास्थ्य पर अगले वित्तीय वर्ष में 16134.39 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. सरकार ने वार्षिक विकास दर के 9.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. हालांकि, इसमें थोड़ा बहुत संशय की स्थिति है. पर, मानसून ठीक रहे और सरकार की ओर से बेहतर कोशिश की गयी, तो उम्मीद है कि लक्ष्य हासिल हो जाए.
Published By: Thakur Shaktilochan