बिहार में बसों में सफर अब महंगा हो गया है. डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि के आधार पर परिवहन विभाग ने बसों के किराये में 67% तक की वृद्धि कर दी है. पिछली दफा छह अक्तूबर, 2018 को बसों का किराया बढ़ा था. परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की.
संबंधित क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार 15 दिनों में बेसिक किराया और प्रति किलोमीटर के अनुसार एक जगह से दूसरी जगह का नया किराया जारी करेंगे.नयी दरों के अनुसार, सामान्य बसों का किराया अब अधिकतम डेढ़ रुपये प्रति किमी होगा, जो पहले 90 पैसे प्रति किमी था. एसी बसों का अधिकतम किराया 2.50 रुपये प्रति किमी होगा, जो अब तक दो रुपये प्रति किमी था.
बसों के किराये में वृद्धि के लिए परिवहन विभाग ने पिछले महीने प्रारूप जारी कर आम लोगों से उस पर सुझाव और आपत्ति मांगी थी. लेकिन, एक महीने में विभाग को न तो कोई सुझाव मिला और न ही किसी ने आपत्ति प्रकट की. इसके बाद विभाग ने बसों का नया किराया तय कर दिया है.
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बसों के शुरू होने से लेकर यात्रा की समाप्ति वाले स्थलों का किराया राज्य व क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा तय किया जायेगा. लंबी दूरी की बसों में भाड़े की गणना पहले 100 किमी तक उस श्रेणी के बेसिक भाड़े के आधार पर होगी. 101 से 250 किमी की दूरी तक में निर्धारित किराये में 20% की कमी, तो 251 किमी से अधिक होने पर बेसिक भाड़े में 30% की कमी की जायेगी.
जिला प्रशासन को कहा गया है कि वह बसों का किराया सभी सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शित करें. निर्धारित भाड़े की दर अधिकतम है और इस दर से अधिक भाड़ा किसी भी परिस्थिति में वसूल नहीं किया जायेगा. भाड़े का निर्धारण बैठने की क्षमता के आधार पर किया गया है. अगर इससे अधिक यात्री बैठाये गये तो उसे ओवरलोडिंग माना जायेगा. बसों में एक शिकायत पंजी भी रखनी होगी.
सिटी सर्विस में पहले चार किमी का किराया 1.60 रुपये प्रति किमी होगा. अब तक यह 1.24 रुपये प्रति किमी था. चार किमी से अधिक की दूरी पर हर दो किमी के लिए यात्रियों को 1.50 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. अब तक यह 1.09 रुपये प्रति किमी था.
महंगाई को देखते हुए सरकार ने बसों का किराया तय किया है, जो स्वागतयोग्य है. लेकिन हमारी रेलवे से प्रतिस्पर्धा है. इस कारण हम बस संचालक नयी दर के अनुसार यात्रियों से पैसा वसूलने की स्थिति में नहीं हैं.
उदय सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन.