Bihar : पटना. बिहार में भूजल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है. सरकार ने भूजल स्तर को ऊपर लाने के लिए जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत कर रखी है. ग्रामीण विकास विभाग ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें जलस्रोतों के संरक्षण को लेकर जिलों को सूचीबद्ध किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर अतिक्रमण मुक्त करना, तालाबों, पोखरों, आहरों और पईनों का जीर्णोद्धार, सार्वजनिक कुओं को चिन्हित कर उनका जीर्णोद्धार करना आदि मामले में बक्सर जिले ने 100 में से 76.61 अंक हासिल कर बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त किया है.
ग्रामीण विकास विभाग की रैंकिंग रिपोर्ट
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी राज्य स्तरीय रैंकिंग रिपोर्ट के अनुसार, बक्सर को नए जल संरचना के निर्माण में 10 में 9.99, सार्वजनिक जल संरचनाओं जैसे तालाब, पोखरा, आहर आदि के जीर्णोद्धार में 20 में 18.29, सार्वजनिक कुओं को चिह्नित कर जीर्णोद्धार के मामले में 10 में 8.39 अंक मिले हैं. इसी तरह सार्वजनिक कुआं और चापाकल के किनारे सोख्ता समेत अन्य जल संरचना के निर्माण में 10 में 7.64, छोटी-छोटी नदियों, नालों व पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम व जल संचयन की सरंचनाओं के निर्माण में छह में छह अंक प्राप्त हुए हैं.
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इन जिलों का रहा बेहतर प्रदर्शन
सार्वजनिक जल स्रोतों के संरक्षण मामले में कई जिलों का प्रदेशन बेहतर रहा है. सूची में दूसरे नंबर पर बक्सर का पड़ोसी जिला रोहतास है, जबकि तीसरे नंबर पर जहानाबाद, चौथे पर नालंदा है. उत्तर बिहार से टॉप-10 जिलों में केवल पांचवें नंबर पर पूर्णिया हैं. सूची में शामिल अन्य जिलों में भोजपुर नौवां तथा कैमूर ने 11वां स्थान हासिल किया है. राजधानी पटना को चौदहवां और सिवान एवं सुपौल को क्रमश: 37 एवं 38वां स्थान प्राप्त हुआ है. नये जलश्रोतों के सृजन और अधिशेष नदी क्षेत्रों से जल की कमी वाले क्षेत्रों में जल ले जाने में दस में पांच अंक प्राप्त हुए हैं. उप विकास आयुक्त डॉ. महेंद्र पाल ने बताया कि जल, जीवन, हरियाली में बक्सर ने बेहतरीन काम किया है. इसी का नतीजा है कि जिले को एक बार फिर अव्वल स्थान प्राप्त हुआ है.