Bihar By Election Results: बेलागंज में आरजेडी का 34 साल पुराना किला ध्वस्त
Bihar By Election Results बेलागंज में यादवों के साथ-साथ भूमिहार और राजपूत वोट निर्णायक होते हैं. कई बार मुस्लिम वोट भी जीत हार का एक बड़ा कारण बनता रहा है. ऐसे में प्रशांत किशोर ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर राजद और जदयू के लिए मुश्किल खड़ी करने की कोशिश की थी.
Bihar By Election Results बिहार में हुए चारों विधानसभा सीटों के परिणाम सामने आ गए हैं.एनडीए ने चारों सीट अपने नाम कर लिया है. 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में इन चार सीटों में से तीन पर आरजेडी महागठबंधन का कब्जा था. लेकिन, इस दफा एनएडीए ने चारों सीटों को अपने नाम कर लिया. एनएडीए की इस लहर में आरजेडी ने अपने पंरपरागत बेलागंज सीट पर भी चुनाव हार गया. इस सीट पर पिछले 34 सालों से आरजेडी का कब्जा था. आरजेडी के बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव इस सीट से जीतते रहे हैं. लेकिन, इस दफा उनका बेटा चुनाव हार गया. बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी ने आरजेडी को 21391 मतों से हराया है.
2024 के लोकसभा चुनाव में जहानाबाद सीट से जीतने के बाद सुरेंद्र यादव ने बेलागंज विधान सभा सीट से अपना इस्तीफा दे दिया था.उपचुनाव में आरजेडी ने एक बार फिर से सुरेंद्र यादव पर अपना भरोसा जताते हुए उनके बेटे विश्वनाथ यादव को टिकट दिया था.जदयू ने उनके सामने एक बार फिर से मनोरमा देवी पर अपना भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा.
वहीं प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी से मो अमजद को अपना प्रत्याशी बनाया था. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि प्रशांत किशोर ने मो अमजद को अपना प्रत्याशी बनाकर आरजेडी के पिछले 34 सालों की जीत पर ब्रेक लगा दिया. यहां पर लालू का परंपरागत वोट में प्रशांत किशोर सेंघमारी करने में सफल हुए. इसका सीधा असर परिणाम पर दिखा.
बेलागंज में यादवों के साथ-साथ भूमिहार और राजपूत वोट निर्णायक होते हैं. कई बार मुस्लिम वोट भी जीत हार का एक बड़ा कारण बनता रहा है. ऐसे में प्रशांत किशोर ने एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देकर राजद और जदयू के लिए मुश्किल खड़ी करने की कोशिश की थी. लेकिन जन सुराज का प्रत्याशी यहां से जीत तो नहीं पायी. लेकिन आरजेडी प्रत्याशी के हार का एक बड़ा कारण बना.
JDU की मनोरमा देवी शुरु से ही RJD के विश्वनाथ यादव पर हावी नजर आईं. हालांकि विश्वनाथ यादव के लिए उनके पिता और जहानाबाद सांसद सुरेंद्र यादव ने किलेबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. बावजूद इसके वो बेटे को जीत नहीं दिला पाए. मनोरमा देवी ने विश्वनाथ यादव को 21,391 वोटों के भारी अंतर से हरा दिया.