Bihar By Polls Result बिहार में हुए विधानसभा के चारों सीट पर हार के बाद आरजेडी में विरोध के स्वर सामने आने लगे हैं. पार्टी की नीति और रणनीति पर पार्टी के सीनियर नेता आजाद गांधी ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि पार्टी में जिस प्रकार से टिकट का बंटवारा हुआ है उससे साफ हो गया था कि पार्टी की हार तय है. आजाद गांधी ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर वार करते हुए कहा कि पुत्र मोह में उन्होंने पार्टी को डूबा दिया. उनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. रामगढ़ विधानसभा से जगदानंद सिंह के बेटा अजीत कुमार चुनाव लड़ रहे थे.आरजेडी यहां पर तीसरे स्थान पर थी.
चार सीटों पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट के बाद अब बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. पहले बीजेपी के 78 विधायक थे, लेकिन अब तरारी और रामगढ़ विधानसभा सीट पर बीजेपी की जीत के बाद बीजेपी के 80 विधायक हो गए हैं, जबकि आरजेडी के पहले सबसे अधिक विधायक 79 थे. लेकिन दो सीट हार जाने के बाद आरजेडी के पास 77 विधायक बचे हैं.
जगदानंद सिंह पर क्यों भड़के आजाद गांधी
आजाद गांधी ने कहा चुनाव को लेकर जो तैयारी होनी चाहिए थी वह नहीं हो पायी थी. प्रदेश अध्यक्ष अपने बेटे अजीत को ही जिताने में लगे रहे. अपनी पूरी ताकत भी लगाया, लेकिन परिणाम सबके सामने है. पूर्व एमएलसी आजाद गांधी ने कहा कि पुत्रमोह के कारण ही जगदानंद सिंह किसी और सीट को फोकस भी नहीं कर पाए. उपचुनाव में हार का यह सबसे बड़ा कारण रहा.
महागठबंधन 115 से घटकर 112 हुए
उपचुनाव परिणाम ने बिहार में विधानसभा के गणित को बदल दिया है.जेडीयू के पास पहले से 45 विधायक थे, लेकिन अब उसके 46 विधायक हो गए. जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी ने बेलागंज से आरजेडी का 34 साल पुराना किला ध्वस्त किया है. आरजेडी बाहुबली नेता सुरेंद्र यादव के बेटे को उन्होंने पाराजित किया है.
भाकपा माले के 12 विधायक थे. लेकिन तरारी सीट हारने के बाद उनके 11 विधायक हो गए. जीतन राम मांझी की पार्टी की चार सीट बरकरार है. देखा जाए तो 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में विपक्ष महागठबंधन के सीट कम हुए हैं. वहीं सत्ता पक्ष मजबूत हुआ है. पहले महागठबंधन के पास 115 विधायक थे, जो घटकर अभी 112 विधायक हो गए. वही सत्ता पक्ष एनडीए के 128 विधायक थे जो अब बढ़कर 131 विधायक हो गए हैं.
वर्तमान में विधानसभा के 243 सीटों में से सत्ता पक्ष के बीजेपी के 80, जदयू के 46, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 4 और निर्दलीय एक सुमित सिंह मिलाकर 131 हुए. तो वहीं महागठबंधन में आरजेडी के 77, कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 11, भाकपा के 2, माकपा के 2 और एआईएमआईएम के एक विधायक मिलाकर कुल 112 विधायक विपक्ष में रह गए हैं.
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