बिहार विधानसभा उपचुनाव में पड़े वोटों की गिनती जारी है. गिनती के दौरान समर्थकों की धड़कनें घटती-बढ़ती जा रही है. किसी राउंड में बढ़त तो किसी राउंड में पिछड़ने के बाद चेहरे का भाव हर पल बदला हुआ देखा जा सकता है. ईवीएम खुलते ही कहीं राजद तो कहीं जदयू ने बढ़त बनानी शुरू कर दी. लेकिन हर पल रुझानों में बदलाव आता रहा.
मतगणना के दिन सभी उम्मीदवारों के समर्थकों के अंदर जोश का उतार-चढ़ाव देखा जाता है. आज बिहार उपचुनाव के दोनों सीटों की काउंटिंग जारी है. सुबह आठ बजे जब मतगणना शुरू की गई तो समर्थकों के अंदर अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए दावे देखे गये. बैलेट पेपर की गिनती पहले की गई. जिसमें राजद ने बाजी मारी. खबर सामने आते ही राजद समर्थकों में जश्न का माहौल बन गया वहीं एनडीए के समर्थक निराश हुए.
कुशेश्वरस्थान में राजद ने शुरू के पांच राउंड में बढ़त लगातार बनाई. जिसके बाद राजद प्रवक्ताओं और समर्थकों में जोश देखा गया. जदयू उम्मीदवार के पिछड़ने से एनडीए के समर्थकों में निराशा देखी गयी. लेकिन पांचवे राउंड का परिणाम सामने आते ही खेल पलट गया और जदयू उम्मीदवार ने बढ़त बना ली. नौंवे राउंड की गिनती पूरी होने पर जदयू उम्मीदवार ने 7500 से अधिक वोटों के अंतर से बढ़त बना ली थी.10वें राउंड के बाद ये बढ़त बढ़कर 9010 वोट के अंतर पर पहुंच गया. जिसके बाद दोनों तरफ के समर्थकों के चेहरे का भाव बदल गया. कोई जश्न से निराश तो कोई निराशा से जश्न के मोड में आ गया.
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दरअसल, मतगणना के दौरान तैयार सभी टेबल पर एक-एक इवीएम लाया जाता है. सभी टेबल पर इवीएम की एकसाथ गिनती को 1 राउंड कहा जाता है. सभी टेबल के ईवीएम में पड़े वोटों की कुल गिनती ही एक राउंड के मत को तय करती है. किसी इवीएम में शुरू में कम या अधिक वोट मिलने से कुछ भी तय नहीं होता. दरअसल, जिस क्षेत्र के बूथ का वो ईवीएम वोटों की गिनती के लिए खोला गया वहां किसी दल या उम्मीदवार के वोटर अधिक या कम हो सकते हैं. लेकिन अगले ईवीएम में यही परिस्थिति बदल भी जाती है. जब दूसरे क्षेत्र में डाले गये वोट गिने जाते हैं तो ये गणित बदल सकता है. इसी तरह उतार-चढ़ाव जारी रहता है.
इस बार बिहार उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान में 14 राउंड तो तारापुर में 24 राउंड की गिनती होगी. जब अधिकतर राउंड की गिनती पूरी कर ली जाती है और किसी उम्मीदवार के वोटों का अंत अधिक हो जाता है तो उसके जीत की संभावना बढ़ जाती है. लेकिन अंत तक यह कहना मुश्किल होता है कि किस राउंड में ये आंकडे बदल जाएंगे. किसी ऐसे क्षेत्र में जहां पिछड़ रहे उम्मीदवार के वोट अधिक हैं, अगर गिनती हुई तो वो उम्मीदवार आगे भी बढ़ जाता है. ऐसे कइ मामले सामने आते हैं जहां अंतिम राउंड में जाकर जीत- हार तय होती है.
Published By: Thakur Shaktilochan