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बिहार जातीय जनगणना : पहले चरण में मुखिया, परिवार के सदस्य व मकान के संबंध में ली जायेगी जानकारी

पटना में जाती गणना के लिए प्रशिक्षण कार्य शुक्रवार तक चलेगा. तीन दिनों में 296 ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करना है. इसके बाद ये सभी ट्रेनर्स प्रखंड स्तर पर पर्यवेक्षकों व प्रगणकों को प्रशिक्षण देंगे. इसके बाद मकान नंबरीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी.

पटना जिले में जाति आधारित गणना के लिए क्षेत्र के निर्धारण का काम पूरा हो चुका है. पहले चरण में अब मकानों के नंबरीकरण की प्रक्रिया सात जनवरी से शुरू होगी और 21 जनवरी तक पूरा कर ली जायेगी. दूसरे चरण की गणना एक अप्रैल, 2023 से शुरू होगी और 30 अप्रैल तक पूरा कर ली जायेगी. साथ ही संपूर्ण गणना कार्य 31 मई, 2023 तक पूरा कर सरकार को सौंपने का टास्क दिया गया है.

मोबाइल एप में होगी इंट्री

जाति आधारित गणना के दौरान आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा. सारी डिटेल बुकलेट में अंकित करने के साथ ही मोबाइल एप में भी इंट्री की जायेगी. पहले चरण के गणना कार्य में लगाये गये सभी अधिकारियों व कर्मियों (चार्ज पदाधिकारियों, सहायक चार्ज पदाधिकारियों व फील्ड ट्रेनर्स) को बुधवार को अदालतगंज के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय स्थित जिला सांख्यिकी कार्यालय में एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया.

तीन दिनों में 296 ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करना है

प्रशिक्षण कार्य शुक्रवार तक चलेगा. तीन दिनों में 296 ट्रेनर्स को प्रशिक्षित करना है. इसके बाद ये सभी ट्रेनर्स प्रखंड स्तर पर पर्यवेक्षकों व प्रगणकों को प्रशिक्षण देंगे. इसके बाद मकान नंबरीकरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए प्रधान गणना पदाधिकारी व डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कर्मियों को बताया कि उन्हें किस प्रकार यह गणना करनी है. इसके दौरान हर कर्मी को लोगों से सम्मानपूर्वक बात करनी है और उनके परिवार की पूरी सूची बनानी है. मौके पर सहायक समाहर्ता शैलजा पांडेय, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी महेश प्रसाद भी उपस्थित थे.

पहले चरण में अंकित किये जायेंगे इन सवालोंं के जवाब

  • परिवार के मुखिया का क्या नाम है?

  • मकान आवासीय है या कॉमर्शियल है?

  • परिवार के सदस्यों की कुल संख्या कितनी है?

दूसरे चरण में इन सवालों के जवाब किये जायेंगे अंकित

  • परिवार के एक-एक सदस्य की पूरी जानकारी ली जायेगी. मसलन वे क्या करते हैं, वे फिलहाल कहां रह रहे हैं. साथ ही उन सदस्यों के काम व आर्थिक स्थिति की जानकारी भी ली जायेगी.

  • जाति के संबंध में जानकारी ली जायेगी.

बिहार के बाहर रहने वाले लोगों की भी होगी गणना

बड़ी संख्या में बिहार के लोग अन्य राज्यों में निवास करते हैं, उन सभी की भी गणना की जायेगी. खास बात यह है कि जाति आधारित गणना के दौरान उपजाति को अंकित नहीं किया जायेगा.

700 की आबादी की गणना के लिए एक प्रगणक

प्रत्येक पंचायत या नगर पालिका या नगर निकाय में यदि किसी वार्ड की आबादी 700 से कम होगी तो वहां एक प्रगणक और 700 से अधिक होने पर उप गणना ब्लॉक बनाते हुए प्रगणकों की नियुक्ति की गयी है. छह प्रगणकों के कार्य की मॉनिटरिंग के लिए एक पर्यवेक्षक की तैनाती की गयी है.

दो चरणों में होगी गणना

  • पहला चरण- मकान सूचीकरण

  • गणना क्षेत्र का निर्धारण ( कार्य पूर्ण हो चुका है )

  • मकान नंबरीकरण (शुरू होगा)

  • संक्षिप्त गृह पंजी को तैयार किया जाना

  • दूसरा चरण

  • वास्तविक गणना कार्य

वार्डवार होगी गणना

सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी कुल 204 जातियों की गणना वार्डवार (शहरी एवं ग्रामीण) की जायेगी. आंकड़ों का संग्रहण डिजिटल मोड में किया जायेगा.

जिले में बनाये गये हैं 45 चार्ज पदाधिकारी

पटना जिला अंतर्गत कुल 45 चार्ज (23 प्रखंड, 11 नगर परिषद, पांच नगर पंचायत तथा पटना नगर निगम के छह अंचल) में 4,613 वार्ड हैं. इसके लिए 45 चार्ज पदाधिकारी तैनात किये गये हैं. परिवार की अनुमानित कुल संख्या 20 लाख छह हजार 677 है. 10 जिला-स्तरीय मास्टर ट्रेनर तैनात किये गये हैं और सभी चार्ज, फिल्ड ट्रेनर की नियुक्ति की संख्या 296 है. शहरी एवं ग्रामीण चार्जों को मिलाकर गणना खंडों व गणना उप खंडों की कुल संख्या 12,696 है. 2116 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गयी है.

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