मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार एवं कवि प्रदीप के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक प्रकट किया
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार एवं कवि प्रभु नारायण झा उर्फ प्रदीप के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि कवि प्रदीप का निधन मिथिला एवं मैथिली भाषा एवं साहित्य के लिये गहरी क्षति है. उन्होंने मैथिली भाषा में 37 से ज्यादा रचनायें लिखीं.
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार एवं कवि प्रभु नारायण झा उर्फ प्रदीप के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि कवि प्रदीप का निधन मिथिला एवं मैथिली भाषा एवं साहित्य के लिये गहरी क्षति है. उन्होंने मैथिली भाषा में 37 से ज्यादा रचनायें लिखीं. भगवत गीता एवं श्रीदुर्गा सप्तशती का भी उन्होंने मैथिली अनुवाद किया था. उन्हें उनकी लेखनी के लिये कई सम्मानों से भी सम्मानित किया गया था. मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है.
शनिवार को सुबह लहेरियासराय स्थित वर्तमान आवास स्वंप्रभा निकूज में सुबह 6:30 बजे मैथिली के प्रख्यात साहित्यकार एवं कवि प्रभु नारायण झा उर्फ प्रदीप का निधन हो गया. मैथिली, संस्कृत और हिंदी साहित्य के विद्वान मैथिली पुत्र प्रदीप का असली नाम प्रभुनारायण झा है. इनका जन्म तारडीह प्रखंड के कैथवार गांव के एक साधारण परिवार में 30 अप्रैल, 1936 को हुआ था. उनका ब्याह उसी प्रखंड के कठरा गांव में हुआ था. पत्नी गुलाब देवी का निधन पूर्व में ही हो चुका है.
साहित्य, संगीत, कला तथा रचना में निपुण वे पेशे से शिक्षक थे और दरभंगा के ही एक विद्यालय से 1999 में सेवानिवृत्त हुए थे. उनकी माता बुचैन देवी का निधन भी कुछ दिनों पूर्व ही हुआ था. उनके निधन पर संपूर्ण मिथिलांचल के साथ क्षेत्र में शोक की लहर है. उनके परिवार के सदस्यों में माधव झा ने बताया कि सारा कर्म उनके पैतृक गांव कैथवार में हनुमान पुस्तकालय के समीप संपन्न होगा.
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