बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत गरमायी है. जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत में सीएए लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोरोना है. कोरोना का दौर खत्म होगा. उसके बाद इस पर कोई बात होगी. तीन देशों के अल्पसंख्यक, जो लोग यहां पर रह रहे हैं, उनके लिए कानून बनाने की बात हो रही है. उन्होंने कहा कि यह तो केंद्र सरकार को ही देखना है. राज्य सरकार की ओर से बहुत पहले केंद्र सरकार को लिखकर भेज दिया गया है.
जातीय जनगणना के संबंध में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर यहां के सभी दलों के लोग प्रधानमंत्री से जाकर मिले थे. केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी, लेकिन कहा है कि राज्य सरकार अपने यहां कर सकती है. यहां सभी दलों के लोग आपस में बातचीत कर लेंगे. कुछ राज्य इसे अपने–अपने ढंग से कर रहे हैं, लेकिन बिहार में जब यह होगी, तो पूरे तौर पर होगी. उसके लिए सब पार्टियों की मीटिंग होगी. आपस में चर्चा होगी. सरकार में इन सब चीजों को लेकर पहले से कन्सेसनेस (सहमति) है.
सीएम ने कहा कि सब लोगों की राय लेंगे, तभी आगे काम करेंगे. इस पर मीटिंग करेंगे, तो और लोगों का आइडिया भी पता चलेगा. बीच में चुनाव आ गया, फिर बातचीत नहीं हुई. बीच में कोरोना बढ़ गया, फिर इधर कोरोना का खतरा है. एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोग किसी जाति को अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति में मान्यता देने के लिए अपने यहां से प्रस्ताव भेजते हैं, जिस पर केंद्र सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाता है.
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वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना को लेकर अब नया फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि अब बिहार से दिल्ली तक की वो पदयात्रा करेंगे. जातीय जनगणना को लेकर अपने नये कदम की बात तेजस्वी यादव ने बतायी.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan