बिहार में नियमों को ताक पर रखकर दागी सीओ समेत कई का तबादला, उछला मामला तो मंत्री ने बतायी वजह
बिहार में अधिकारियों के तबादले ताबड़तोड़ हुए हैं. कई अंचलों के सीओ भी इधर से उधर किये गये. इस बीच कुछ सीओ ऐसे भी इस सूची में रहे जिनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग नियमों को किनारे करके की गयी.
बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बड़ी संख्या में प्रशासनिक पदाधिकारियों का तबादला किया है. डीसीएलआर व सीओ समेत अन्य पदों पर बैठे अधिकारी इधर से उधर किये गये हैं. लेकिन सीओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर अब एक नया विवाद छिड़ गया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कई सीओ ऐसे हैं जिनका तबादला नियमों को किनारे करके कर दिया गया है.
149 सीओ का तबादला
बिहार में पिछले दिनों सरकार ने 149 सीओ का तबादला किया है. अंचलों में नये सीओ को जिम्मेदारी दी गयी है. लेकिन मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नियम के अनुसार, सीओ का ट्रांसफर किसी भी अंचल में तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद किया जाता है लेकिन इस बार वैसे सीओ भी तबादला सूची में शामिल हैं जिन्होंने एक अंचल में तीन साल पूरा नहीं किया है. वहीं कई दागी अफसरों को भी फिर से जिम्मेदारी दे दी गयी.
दागी सीओ को फिर से मिला चार्ज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 149 में केवल 50 सीओ ही वैसे हैं जिन्होंने एक अंचल में नियम के तहत पूरे 3 साल तक सेवा दी हो. अन्य 99 सीओ इस कार्यकाल को पूरा करने के पहले ही हटा दिये गये. वहीं कइ ऐसे सीओ को भी वापस चार्ज दे दिया गया जिनके खिलाफ शिकायतें हैं. कई सीओ इस तबादले लिस्ट में शामिल हैं जिनके खिलाफ अधिक शिकायत मिलने के कारण हटाया गया लेकिन फिर से दूसरे अंचल में उन्हें सीओ बनाकर ही भेज दिया गया.
विधायक, मंत्री की शिकायत के बाद भी सीओ के पद पर
मीडिया रिपोर्ट में किये जिक्र के अनुसार, तबादला सूची में 4 सीओ ऐसे हैं जिनके खिलाफ विधायकों ने शिकायत सरकार से की थी. एक वैसे सीओ भी इस सूची में शामिल हैं जिनकी कार्यशैली से नाराज होकर एक महिला मंत्री ने शिकायत की थी. लेकिन सभी को फिर से सीओ के ही चार्ज में दूसरे अंचलों में तैनात कर दिया गया है. जिसपर सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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मंत्री बोले
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन तबादलों से खड़े हुए सवालों पर संबंधित विभाग के मंत्री ने भी प्रतिक्रिया दी. मंत्री रामसूरत राय ने अधिकारियों की संख्या में कमी को वजह बताया है. उन्होंने कहा कि समय से पहले उन सीओ का ही तबादला किया गया जिनके खिलाफ उस जिले के डीएम ने किसी गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई की अनुशंसा की है या विभागीय जांच शुरू की है. या फिर किसी मामले को लेकर उक्त अधिकारी के खिलाफ अभ्यावेदन मिला है. वहीं आरोपी सीओ को हटाकर दूसरे अंचल में सीओ बनाने की वजह पदाधिकारियों की कमी है. किसी बड़े आरोप वाले सीओ को फिर से सीओ नहीं बनाया गया है.
Published By: Thakur Shaktilochan