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डाक निर्यात केंद्र में बिहार का बढ़ा विश्वास, पटना को पीछे छोड़ मुजफ्फरपुर बना नंबर वन

postal export center: बिहार सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल अनिल कुमार कहते हैं कि डाक निर्यात केंद्र में बिहार के दो जिले को देश भर के टॉप दस के सूची में शामिल किया गया हैं. इसमें मुजफ्फरपुर और पटना शामिल है. इन दोनों से जिलों में डाक निर्यात केंद्र में सबसे ज्यादा बुकिंग होती है.

postal export center: पटना. डाक निर्यात केंद्र में बुकिंग लेने में देश भर में बिहार ने अपना लोहा मनवाया है. मुजफ्फरपुर और पटना देश भर के टॉप टेन की सूची में शामिल है. इन दोनों ही जिले के डाक निर्यात केंद्र के माध्यम से सबसे ज्यादा सामान विदेश भेजे जाते हैं. मुजफ्फरपुर डाक निर्यात केंद्र से हर महीने एक से डेढ़ हजार बुकिंग होती है, तो वहीं पटना डाक निर्यात केंद्र से हर महीने आठ से नौ सौ बुकिंग होती है, जबकि पहला स्थान मुंबई का है. मुंबई डाक निर्यात केंद्र से हर महीने 25 सौ तीन हजार बुकिंग की जाती है. जनवरी के पहले सप्ताह में संचार मंत्रालय ने देश भर के डाक निर्यात केंद्र की टॉप दस की सूची जारी की है. इसमें पहले स्थान पर मुंबई है. वहीं मुजफ्फरपुर नौंवे और पटना दसवें स्थान पर है.

बिहार में अभी 46 डाक निर्यात केंद्र

बिहार भर में 46 डाक निर्यात केंद्र है. इस निर्यात केंद्र से राज्य भर के पांच हजार छोटे स्तर के उद्यमी जुड़े हैं. इन उद्यमियों को डाक निर्यात केंद्र से जोड़ कर उनके उत्पाद को डाक विभाग की वेबसाइट पर डाला जाता है. इसके अलावा डाक विभाग के विभिन्न सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जाता है. इस दौरान उनके सामान की खरीदारी के लिए लोग संपर्क करते हैं. देश विदेश से खरीदार सामान को खरीदते हैं. उद्यमियों के सामानों को 25 दिनों तक वेबसाइट पर रखा जाता है. इस दौरान जिस भी उद्यमी के सामान की ब्रिकी होती है, उन्हेंब्रिकी की पूरी रकम दे दी जाती है.

सभी डाक घरों में खुलेंगे निर्यात केंद्र

सबसे ज्यादा हर्बल उत्पाद और लाह की चूड़ी मंगवाते हैं लोग मुजफ्फरपुर से सबसे ज्यादा हर्बल उत्पाद और लाह की चूड़ी की बुकिंग होती है. इसके साथ ही मखाना भी काफी संख्या में लोग मंगवाते हैं. वहीं पटना से खाजा, तिलकुट की बुकिंग सबसे ज्यादा हो रही है. एक साल पहले बिहार में डाक निर्यात केंद्र की संख्या दस थी, लेकिन पिछले एक साल में डाक निर्यात केंद्र की संख्या बढ़ाई गयी है. इससे छोटे उद्यमियों को फायदा हो रहा है. छोटे उद्यमी के उत्पाद को बाजार मिल गया है. इस वर्ष 2025 में डाक निर्यात केंद्र की संख्या दस से अधिक बढ़ाई जाएगी. सभी डाक घरों में डाक निर्यात केंद्र खोला जाएगा.

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