बिहार कांग्रेस में फूट की चर्चाओं के बीच प्रदेश में पार्टी के दिग्गज नेताओं को हाल में ही राहुल गांधी ने मुलाकात के लिए दिल्ली बुलाया था. वहीं महंगाई के विरोध में कांग्रेस साइकिल मार्च कर रही है.बैनर पोस्टर टंगे हैं. वहीं एक पोस्टर ऐसा भी है जिसमें एक शख्स खुद को कांग्रेस का पीएम कंडिडेट बता रहा है.
संजीव कुमार सिंह नाम के एक शख्स का पोस्टर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें इस शख्स ने खुद को कांग्रेस का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया है. एक तरफ जहां बिहार में कांग्रेस पार्टी व कार्यकर्तााओं ने महंगाई के विरोध में साइकिल मार्च के पोस्टर लगाये हैं वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी के प्रधानमंत्री उम्मीदवारी को चैलेंज करता यह पोस्टर भी कई जगहों पर लगा हुआ है. जिससे कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता भी हैरान हैं.
दरअससल संजीव कुमार सिंह नाम का यह व्यक्ति भागलपुर जिला का निवासी है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब इसने खुद को कांग्रेसी नेता और अगला प्रधानमंत्री उम्मीदवार बताया हो. 2014 का लोकसभा चुनाव हो या फिर 2019 का लोकसभा चुनाव, सोशल मीडिया से लेकर सड़क किनारे बड़े-बड़े होर्डिंग के जरिये इस शख्स ने पहले भी खुद को कांग्रेस का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने का दावा किया है.
Also Read: VIDEO: सरकार के खिलाफ पटना की सड़कों पर उतरी कांग्रेस, महंगाई के विरोध में निकाला साईकिल मार्चहर बार चुनाव में खुद को भागलपुर लोकसभा का कंडिडेट बताने वाले संजीव कुमार सिंह का दावा है कि वो सुप्रीम कोर्ट में वकील है. लोग हैरान तब रह गये जब एक बार इस शख्स ने यह तक दावा कर दिया था कि दिल्ली के दामिनी बलात्कार केस में पीड़िता को न्याय भी इन्होंने ही दिलाया है. संजीव सिंह कांग्रेस में बड़े-बड़े नेताओं के पास अपनी पहुंच का दावा भी करते हैं. फेसबुक पर अपनी तस्वीर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ लगाते दिखे हैं. हालांकि तस्वीर के सत्यता की कोई पुष्टि नहीं है. वो बीच-बीच में फेसबुक पर लाइव आकर अपनी बात भी रखते हैं.
संजीव सिंह खुद को कांग्रेस का राष्ट्रीय नेता, AICC पर्यवेक्षक प्रभारी, बिहार व झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एडवोकेट समेत कई अन्य पदों पर रहने का दावा करते हैं. जिसका जिक्र वो अपने बैनर और होर्डिंग में भी करते है.हालांकि कांग्रेस से जुड़े लोग इसे सही नहीं मानते हैं. लेकिन कांग्रेस की तरफ से आजतक इस शख्स पर ना तो कानूनी कार्रवाई की पहल की गयी है और ना ही गंभीरता से इसे लिया गया है.