बिहार जल-जीवन-हरियाली मिशन : 2655 वर्ग किमी में नये जल स्रोतों का किया गया निर्माण
ग्रामीण विकास विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मिल कर राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 2655.017 वर्ग किमी क्षेत्रफल में नये जल स्रोतों का विकास किया है़.
पटना : ग्रामीण विकास विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मिल कर राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 2655.017 वर्ग किमी क्षेत्रफल में नये जल स्रोतों का विकास किया है़ नये जल स्रोतों में तालाब, आहर, पइन से लेकर आदि अन्य नयी संरचनाएं तैयार की गयी है़ं जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत बीते 15 जून तक इन संरचनाओं के कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं.
अब इस वर्ष हो रही मॉनसूनी बारिश से भूमिगत जल विकास या वॉटर टेबल मेनटेन करने में काफी सहायता मिलेगी़ ग्रामीण विकास विभाग की ओर से तैयार किये गये आंकड़ों के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में इन चारों विभागों को मिला कर कुल 12053 नयी जल संरचनाओं के सृजन का लक्ष्य रखा गया था़ जिसे इस वर्ष मॉनसून से पहले 6683 प्रोजेक्टों को पूरा कर लिया गया, जो लक्ष्य का 55 फीसदी से अधिक है.
शहरी क्षेत्रों में एक भी नहीं : भले ही इन नये जल स्रोतों के विकास से सभी जिलों में भू-गर्भ जल को मेनटेन रखने में मदद मिलेगी, लेकिन इस का असर राज्य के शहरी क्षेत्रों में कम देखने को मिलेगा़ इसके पीछे कारण है कि बीते वित्तीय वर्ष में अधिकतर नये जल स्रोतों का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों में ही किया गया है़ जल-जीवन-हरियाली मिशन के नोडल पदाधिकारी राजीव रोशन ने बताया कि विभिन्न विभागों के समन्वय से जल-जीवन-हरियाली मिशन की योजनाएं चल रही हैं. इसमें अब तक काफी नये जल स्रोतों का सृजन कर लिया गया है.
नये जल स्रोतों का सृजन
नये जल स्रोतों के सृजन में सबसे अधिक मिशन के नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग की ओर से काम किया गया है़ विभाग के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 8634 नये जल संरचनाओं के सृजन का लक्ष्य रखा गया था़ इसमें 4158 के कार्य पूर्ण कर 518 वर्ग किमी क्षेत्रफल में नये जल स्रोत बने हैं. इसके बाद कृषि विभाग की ओर से 1581 लक्ष्य में से 1301 का काम पूरा कर 949.69 वर्ग किमी में नयी जल संरचनाएं बनायी गयीं. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से 1570 में से 1173 का कार्य पूर्ण कर 615.32 वर्ग किमी क्षेत्रफल में नये जल संरचनाओं का विकास किया गया़ इसके अलावा लघु जल संसाधन विभाग की ओर से 268 में से 51 का कार्य पूर्ण कर 508.70 वर्ग किमी क्षेत्रफल में नये जल स्रोतों का विकास किया गया है़