पटना : कोरोना के कारण लॉकडाउन में फंसे बिहार के छात्रों एवं प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की ओर से लगातार मांग किया जा रहा है. वहीं, राजस्थान के कोटा में कोचिंग करने गये बिहार के छात्रों ने घर वापसी के लिए बीते दिनों अनशन भी किया, ताकि वे जल्द घर जा सकें. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सबके बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की ओर से पटना में आज छात्रों एवं अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को बिहार में वापस बुलाने की मांग करते हुए सद्बुद्धि महायज्ञ कराया गया.
गौर हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोटा से बच्चों एवं प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने पर अपनी राय जाहिर कर चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के कारण अभी भी बिहार के करीब हजारों की संख्या में छात्र अन्य प्रदेशों में फंसे हुए हैं. वहीं, कोटा में फंसे छात्रों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए बिहार में मुख्य विपक्षी दल राजद की ओर से राज्य सरकार से लगातार मांग किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव की ओर से महायज्ञ कराया गया. जिसको लेकर सूबे में सियासी बयानबाजी के तेज होने की संभावना जतायी जा रही है.
इन सबके बीच, जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा है कि छात्रों को लाने के बाद उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार अब अपने मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया में जुट गया हैं. लेकिन, बिहार सरकार अभी भी बिहारी बच्चों और मजदूरों को वापस नहीं लाने पर अड़े है. पप्पू यादव ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश में दो दिनों में आदेश में चार बार फेरबदल किया गया है. इस कारण से सरकार एक बार में निर्णय नहीं ले पा रही है. इन सबके बीच जनता ऊहापोह की स्थिति में है और व्यापारी परेशान हैं.
इससे पहले राजद विधायक शक्ति सिंह यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रवासी बिहारी मजदूरों को वापस बुलाने की मांग करते हुए कहा कि बिहार के प्रवासी मजदूर चेन्नइ, अहमदाबाद, पुणे, मुंबई, दिल्ली व आंध्रप्रदेश से बार-बार आग्रह कर रहें है कि हमे घर वापस बुलाया जाये. भूख की तपिश से तड़प रहें हैं. फैक्ट्री मालिकों की बेरुखी से निबाले पर लाले पड़ रहे हैं और उनका रो-रो कर बुरा हाल है. ऐसे में राज्य सरकार राजद आग्रह करता है कि अब देर करना उचित नहीं है. प्रवासी बिहारी मजदूरों को बिहार वापसी का निर्णय ले लेना चाहिए.
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शक्ति सिंह यादव ने कहा कि यह सत्य है कि संक्रमण के खतरों को ध्यान में रखकर वापस नहीं बुलाने का निर्णय लिया गया था. लेकिन, संक्रमण से ज्यादा प्रवासी बिहारी मजदूरों के साथ भूखे मरने की स्थिति उतपन्न हो गयी है. इन मजदूरों को वापस बुलाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराना चाहिये. जरूरत पड़ने पर क्वेरेंटिन भी की जानी चाहिए. पर, अब वापसी में देर करना लोकहित के खिलाफ प्रतीत होता है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसी बाबत बार-बार सरकार से वापस लाने की गुहार भी लगा रहें हैं. यह सवाल किसी के हार या जीत का नही है. बल्कि मानवता के संरक्षण का है.