Loading election data...

बिहार में कोरोना की लहर हो गई शांत, घोषणा में ही दबा रह गया अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण

बिहार में कोरोना की लहर जब अपने उग्र रूप में थी तो ऑक्सीजन का हाहाकार मचा हुआ था. कोरोना मरीजों की संख्या रोजाना तेजी से बढ़ रही थी. पिछले लहर से अलग इसबार मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. ऑक्सीजन की मारामारी के बीच सरकार ने कई ताबड़तोड़ फैसले लिए. जिसके बाद बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के अलावा सूबे के दस अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की भी घोषणा की गइ. अब जब कोरोना का लहर शांत पड़ चुका है, तबतक भी इन प्लांटों को नहीं लगाया जा सका.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 16, 2021 7:02 AM

बिहार में कोरोना की लहर जब अपने उग्र रूप में थी तो ऑक्सीजन का हाहाकार मचा हुआ था. कोरोना मरीजों की संख्या रोजाना तेजी से बढ़ रही थी. पिछले लहर से अलग इसबार मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. ऑक्सीजन की मारामारी के बीच सरकार ने कई ताबड़तोड़ फैसले लिए. जिसके बाद बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के अलावा सूबे के दस अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की भी घोषणा की गइ. अब जब कोरोना का लहर शांत पड़ चुका है, तबतक भी इन प्लांटों को नहीं लगाया जा सका.

अप्रैल व मई महीने में कोरोना का लहर जिस तरह अपने उग्र रूप में था. सरकार ने 10 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने का फैसला लिया था. जिसमें दो स्थानों पर एक माह के अंदर तो शेष में जून तक इसे चालू कर देने की बात कही गयी थी. लेकिन सारे दावे फाइलों में ही अभी तक उलझे ही हुए हैं. धरातल पर अभी तक कोइ भी काम सामने नहीं दिख रहा है. वहीं NHAI के तरफ से भी 15 अस्पतालों में प्लांट लगाने जाने थे.

बता दें कि बियाडा को सूबे के 10 अनुमंडलीय अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने की जिम्मेदारी दी गयी थी. प्रदेश के जिन दस अस्पतालों में ये ऑक्सीजन यूनिट लगाने का फैसला हुआ था उनमें गया के टेकारी, भागलपुर के नौगछिया, मुंगेर में तारापुर, कैमूर में मोहनिया, समस्तीपुर में दलसिंहसराय, कटिहार में बारसोई, पूर्वी चंपारण में अरेराज, नालंदा में राजगीर, पटना में बाढ़ और सारण में सोनपुर का अनुमंडलीय अस्पताल शामिल हैं.

Also Read: Unlock 2.0 Bihar: बिहार में अब शाम 6 बजे तक खुलेंगी दुकानें, नियमों में हुए और बदलाव, सीएम नीतीश ने किया ऐलान

इन अस्पतालों में 55 बेडों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाना था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बियाडा ने फार्मा कंपनी को दो प्लांट लगाने के पैसे भी दे दिए हैं.लेकिन कंपनी अभी तक मशीन क्लीयरेंस नहीं मिलने की दलील ही दे रही है.

बता दें कि बिहार के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत काफी अधिक है. जिसका खामियाजा इस बार कोरोना की दूसरी लहर सामने आने पर भुगतना पड़ा. अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा पर्याप्त नहीं होने के कारण मरीजों को काफी अधिक भुगतना पड़ा. वहीं अभी भी लोग कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भय के साये में जी रहे हैं लेकिन व्यवस्था फिर एकबार गहरी नींद में सो चुकी है जिसका अंजाम आगे और भयावह हो सकता है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version