पटना : राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने अपने अनोखे अंदाज में बिहार के मुख्यमंत्री पर सीधा निशाना साधा है. लालू प्रसाद ने बड़े रोचक तरीके से एक पहली बूझने के लिए कहा है. अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा है, बूझो तो जानें- किस प्रदेश का मुख्यमंत्री पिछले 83 दिन से घर से बाहर नहीं निकला है?
भोजपुरी में किये गये इस ट्वीट का आशय कुछ इस प्रकार है. उन्होंने बताया है कि कोरोना भले नहीं भागा है, लेकिन जनता को संकट के दौरान बीच मझधार में वे छोड़कर भाग गये हैं. इसका हिसाब किताब जनता आने वाले चुनाव में मिल जुल कर लेगी. लालू प्रसाद के यह ट्वीट काफी ट्रेंड कर रहा है.
इधर, सदन में नेता प्रतिपक्ष एवं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार/विस्तार पर चुप्पी क्यों साध लेते हैं? हमने उनसे कई बार पूछा वेंटिलेटर, आइसीयू बेड, जांच केंद्रों का विस्तारीकरण आदि की वस्तुस्थिति से अवगत कराएं, लेकिन वह जवाब नहीं देते. ये आपकी विफलता नहीं तो क्या है?
वहीं, राजद प्रमुख लालू प्रसाद के ट्वीट पर पलटवार करते हुए लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता एवं मुंगेर से सांसद ललन सिंह ने कहा कि जिस व्यक्ति ने लोक-लाज, शर्म-हया ताखा पर रख दिया हो, उसकी बातों पर क्या ध्यान देने का कोई औचित्य नहीं. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को ट्वीट करके यह बताना चाहिए था कि तीन साल से होटवार जेल में क्यों बंद हैं. इन्हें यह भी बताना चाहिए कि स्वतंत्रता आंदोलन में तो जेल गये नहीं, जेल में इसलिए कैद हैं कि गरीबों के जानवर को खिलाये जाने वाले चारा चोरी का जघन्य अपराध इन्होंने किया है.
ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार कहीं भी रहेंगे, बिहार की जनता के हितों की रक्षा करना ही अपना कर्तव्य मानते हैं. दूसरी ओर लालू प्रसाद अपने कार्यकाल में घूमते थे ताकि टिकट देने के बदले संपर्क लिखवा सकें, नौकरी देने के बदले जमीन लिखवा सकें. इनके घूमने की सिर्फ यही मंशा होती है. इसके परिणाम भी मिले, वो खुद आज कहां हैं, खुद तो डूबे ही बेटे-बेटी को भी लपेट लिये.
जदयू सांसद ने कहा कि कोरोना से उत्पन्न हालत में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार बैठ कर काम करते रहे हैं. यहां बिहार में जो व्यवस्था हुई है, वह लालू प्रसाद को दिखाई नही पड़ती है. कारण, वो सींखचों में कैद हैं. अब उनको बताने वाला कोई नहीं है. इस आपदाकाल में बिहार में रह रहे लोगों के साथ साथ बाहर से जो लोग वापस लौटकर आ रहे हैं, उनकी भी देखभाल की जा रही है. उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की गयी. लोगो को कहां रखना है, कैसे स्वस्थ रखना है, इन सब बातों का मुख्यमंत्री ने खुद ख्याल रखा. काेरेंटिन सेंटरों में भी सीधे संवाद किया.
ललन सिंह ने साथ ही कहा कि कोरोना संकट में बिहार के मुख्यमंत्री ने जो काम किया, वैसा शायद ही किसी अन्य प्रदेश में हुआ हो. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव जैसा दुनिया में कोई दूसरा उदाहरण नहीं, जो नाबालिग रहते हजारों करोड़ की अवैध संपत्ति के मालिक बन गये.
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