पटना : आइजीआइएमएस में भर्ती सीवान के एक मरीज के भागने की घटना सामने आयी है. मरीज के भागने के अगले दिन पता चला कि वह कोरोना पाॅजिटिव है. इस बात के सामने आने के बाद से ही हड़कंप मच गया. मामला 23 अप्रैल का है. यहां बीते 15 अप्रैल को गैस्ट्रो मेडिसिन वार्ड में एक मरीज भर्ती हुआ था. मरीज के लिवर में कुछ समस्या थी. इस बीच उसके कई टेस्ट भी किये गये थे और इलाज जारी था. 20 अप्रैल से आइजीआइएमएस में भर्ती होने वाले सभी मरीजों का कोराेना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है. इसके बाद आइजीआइएमएस प्रशासन ने पहले से भर्ती मरीजों का भी टेस्ट लेने का फैसला किया. इनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं दिख रहा था. इसके बावजूद टेस्ट लिया गया. ताकि, अगर किसी में संक्रमण हो, तो वह पता चल जाये और दूसरों में नहीं फैले.
इसी कड़ी में सीवान के इस मरीज की कोरोना जांच का सैंपल 23 अप्रैल को लिया गया. लेकिन, इसी दिन यह मरीज बिना अस्पताल से छुटटी मिले चुपके से भाग गया. अगले दिन इसके साथ ही जेनरल मेडिसिन व नेफ्रोलोजी के दो अन्य मरीजों की जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी. इन दोनों मरीजों को इलाज के लिए एनएमसीएच भेज दिया गया और गैस्ट्रो मेडिसिन के इस मरीज की तलाश शुरू हुई. अब इसके संपर्क में आने वाले करीब 30 डाॅक्टर, नर्स व दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारेंटिन किया जा रहा है. इसकी लिस्ट तैयार हो चुकी है.
24 को जब पता चल गया कि मरीज पाॅजिटिव था तब भी उसके संपर्क में आने वाले डाॅक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को 25 अप्रैल को अस्पताल आने से नहीं रोका गया. कोरोना से जंग के बीच अस्पताल से संदिग्ध मरीज भाग गया. लेकिन, आइजीआइएमएस प्रशासन उसे रोक नहीं पाया. आइजीआइएमएस के डाॅ कृष्ण गोपाल के अनुसार सीवान का यह मरीज 15 अप्रैल को ही भर्ती हुआ था. उसका सैंपल 23 अप्रैल को लिया गया था और उसी दिन वह भाग गया. इसके अगले दिन 24 अप्रैल को जांच रिपोर्ट आयी और वह कोरोना पाॅजिटिव निकला.
बचा दें कि पटना के मरीजों की संख्या बढ़कर 34 हो गयी है. वहीं राज्य में शनिवार को 28 नये मरीज मिले, जिससे बिहार में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 251 हो गई है.