पटना में IPL के तर्ज पर बिहार क्रिकेट लीग का आयोजन किया गया है. बिहार की 5 टीमें इस लीग में खेल रही हैं. लीग का उद्घाटन समारोह में भारतीय क्रिकेट टीम के भूतपूर्व कप्तान कपिल देव भी मौजूद रहे. टूर्नामेंट में पहले दिन के दूसरे मैच में भागलपुर टीम का मुकाबला दरभंगा से था. भागलपुर इस मैच को जीत तो नहीं सका लेकिन टीम के कप्तान रहमतुल्लाह ने अपने खेल से सबों का दिल जीत लिया. शुरुआती झटकों के बाद मोर्चा थामने आए रहमतुल्लाह ने कप्तानी पारी खेल ताबड़तोड़ अर्धशतक भी जड़ा.
रहमतुल्लाह का क्रिकेट सफर अपने आप में एक मिसाल है. भागलपुर में कई क्रिकेटर ऐसे हुए जिन्होंने अपने खेल से एक अलग पहचान बनाई. उनमें एक रहे रहमतुल्लाह. भागलपुर में आज भी लोग इस क्रिकेटर को शाहरुख के नाम से जानते हैं.
करीब 20 साल पहले जब भागलपुर में क्रिकेट का जलवा छाया हुआ था, शाहरुख दर्शकों और क्रिकेटरों के बीच बेहद खास थे. ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए शाहरूख जाने जाते रहे. लेकिन समय के साथ इस क्रिकेटर को अपना रास्ता बदलना पड़ा और पारिवारिक जिम्मेदारियों से लदे शाहरुख को क्रिकेट से मोह मजबूरन त्यागना पड़ गया.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रहमतुल्लाह यानी शाहरुख करीब 6 साल क्रिकेट से बिल्कुल अलग रहे. लेकिन पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए शाहरुख ने फिर अपना बल्ला थामा और क्रिकेट के मैदान की ओर निकल गए. जिसके बाद आजतक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. सैंडिस मैदान में 2018 में संपन्न हुए हेमन ट्रॉफी ए डिविजन के मैच में रहमतुल्लाह ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और सेलेक्टर्स की नजर यहीं इनपर रुक गई.
गुजरात के वडोदरा में आयोजित विजय हजारे ट्रॉफी में उनका चयन हुआ जहां से उन्होंने बिहार के लिए अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की. उनकी धुआंधार बल्लेबाजी की बदौलत बिहार टीम ने वहां अपना जलवा बिखेरा. जिसके बाद रहमतुल्लाह यानी शाहरुख का चयन रणजी ट्राफी के लिए कर लिया गया.
रणजी ट्रॉफी में चयन के साथ ही रहमतुल्लाह ने प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया. वह टूर्नामेंट में बिहार के लिए अग्रणी रन स्कोरर थे, जिन्होंने आठ मैचों में 375 रन बनाए थे. 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए रहमतुल्लाह का चयन हुआ. जहां से उन्होंने बिहार के लिए T-20 की शुरुआत की.
बता दें कि रहमतुल्लाह के पिता का इंतकाल भी तब हो गया था जब रहमतुल्लाह दो साल के थे. 6 भाई और 2 बहनों के परिवार में सबसे छोटे रहमतुल्लाह की जिंदगी बेहद संघर्ष के दौर से गुजरी. लेकिन क्रिकेट उनके अंदर इस कदर भरा हुआ था जिसने उन्हें एक नयी पहचान दी और आज वो बिहार के जाने-माने क्रिकेटर बन बीसीसीआई के बड़े टुर्नामेंटों में भी जलवे बिखेरते हैं. पटना में चल रहे बिहार क्रिकेट लीग में भी लोग रहमतुल्लाह के जलवे देख रहे हैं. उन्होंने अपने पहले मैच में ही हाफ सेंचुरी लगाई.
Posted By: Thakur Shaktilochan