शटर कटवा गिरोह के चेलवा-बेलवा को 14 साल की जेल, बिहार के इस अपराधी का कई राज्यों में था आतंक
Bihar Crime : चेलवा-बेलवा पर देश के विभिन्न राज्यों में सोना-चांदी, घड़ी, लैपटॉप आदि से संबंधित दुकानों में चोरी करने का दर्जन भर से ज्यादा मुकदमा दर्ज है. ये लोग लोहे की रॉड और गाड़ी उठाने वाले जैक के सहारे शोरूम आदि के शटर को उठाकर घटना को अंजाम देते थे.
Bihar Crime : पटना. बिहार के कुख्यात अपराधी चेलवा-बेलवा को अदालत ने 14 साल की सजा सुनाई है. बिहार के इन दोनों अपराधियों का कई राज्यों में आतंक था. एनडीपीएस कोर्ट-2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद दो अभियुक्त (समीर शाह उर्फ चेलवा एवं सलमान शाह उर्फ बेलवा) को 14 साल का सश्रम कारावास और प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. इन दोनों का आतंक बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में फैला था.
2021 में गिरफ्तारी के बाद जेल में थे दोनों
इस संबंध में मोतिहारी के एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि चेलवा और बेलवा शटरकटवा गिरोह के नाम से चर्चित हैं. सितंबर 2021 में घोड़ासहन थाना क्षेत्र से वाहन चेकिंग के दौरान इनकी गिरफ्तारी हुई थी. ये लोग नेपाल की ओर से बाइक से भारत में घुसे थे. तलाशी ली गई थी तो इनके पासे से करीब डेढ़ किलो (1513 ग्राम) चरस को पुलिस ने बरामद किया था. इसके बाद से ही दोनों भाई समीर शाह उर्फ चेलवा एवं सलमान शाह उर्फ बेलवा मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद थे. एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि ये दोनों भाई घोड़ासहन थाना के पकही के रहने वाले हैं. तस्करी के मामले में पकड़े जाने के बाद घोड़ासहन थाने में कांड संख्या 405/2021 दर्ज हुई थी.
गिरोह में 200 के करीब सक्रिय सदस्य
दूसरी ओर बताया जाता है कि चेलवा-बेलवा के गिरोह में करीब 200 सक्रिय सदस्य हैं. देश के कई राज्यों की पुलिस चोरी की घटनाओं को लेकर अक्सर पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन थाना क्षेत्र में आती रहती है. घोड़ासहन थाना क्षेत्र भारत-नेपाल सीमा से सटा है. इसके कारण नेपाल में चोरी का सामान बेचने और वहां छुपने में इस गैंग को फायदा मिलता है. चेलवा-बेलवा पर देश भर में चार दर्जन के करीब केस दर्ज हैं.
Also Read: एक माह में तीन एनकाउंटर, चार अपराधी ढेर, नये डीजीपी के आते ही बिहार पुलिस ने बदले तेवर