बिहार में जमीन मामलों की समस्याएं दूर करने का प्रयास सरकार के द्वारा जारी है. भूमि सुधार विभाग अब जमीन के म्यूटेशन के ऑनलाइन निपटारे में तकनीक का सहारा ले रही है. इसके लिए अब सॉफ्टवेयर तैयार किये गए हैं. जिसके बाद अब किसी भी दाखिल-खारिज के आवेदन को मनमाने तरीके से रद्द नहीं किया जा सकेगा. कर्मियों को आवेदन रद्द करने का कारण भी बताना होगा. जिसकी सूचना आवेदक के मोबाइल पर मैसेज के जरिये दी जा सकेगी.
दाखिल खारिज की प्रक्रिया को आसान बनाने और आवेदकों की समस्याओं को कम करने के लिए बिहार में भूमि सुधार विभाग ने नयी तैयारी की है. विभाग अब तकनीक के जरिये इन समस्याओं को खत्म करने में जुटा है. जिसके तहत अब सॉफ्टवेयर तैयार किये गए हैं. इसमें आवेदन रद्द करने के वाजिब कारणों को फीड किया गया है. इन कारणों से अलग जाकर कोई भी कर्मचारी या अधिकारी आवेदन रद्द नहीं कर सकेंगे.
दरअसल, बिहार में जमीन दाखिल-खारिज के दौरान ये शिकायत काफी अधिक आती रही है कि मनमाने तरीके से आवेदनों को रद्द किया जाता है. सॉफ्टवेयर में अब आवेदन रद्द करने के कारणों को भी बताना होगा. ये कारण पहले से इसमें दिए गए रहेंगे. इसमें कुल 35 कारणों को फीड किया गया है. जिसमें 15 कारणों को सामान्य श्रेणी में रखा गया है.
जमीन म्यूटेशन के आवेदन को रद्द करते ही आवेदक के मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आएगा. मैसेज के आने पर आवेदक को उनके आवेदन रद्द करने का कारण पता चलेगा. जिस कमी के कारण आवेदन रद्द हुआ है उसे दूर करने के लिए उन्हें सात दिन का समय दिया जाएगा. उस अवधि के अंदर कमियों को दूर कर लेने पर आवेदन रद्द नहीं होगा. कर्मियों को आवेदन रद्द करने से पहले इसका जवाब भी देना होगा. विभाग का मानना है कि इस कदम से आवेदन रद्द करने की मनमानी खत्म होगी.
Posted By: Thakur Shaktilochan