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डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा- केंद्र का निर्णय तय, राज्य सरकार जातीय जनगणना कराने को स्वतंत्र

बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. इस बीच बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने बयान दिया है कि केंद्र ने स्पस्ट कर दिया है कि सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं करायेगी. जिस तरह कर्नाटक और ओड़िसा में जातीय जनगणना हुई है, बिहार सरकार भी जनगणना करा सकती है .

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2021 1:04 PM

बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. इस बीच बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने बयान दिया है कि केंद्र ने स्पस्ट कर दिया है कि सरकार जाति आधारित जनगणना नहीं करायेगी. जिस तरह कर्नाटक और ओड़िसा में जातीय जनगणना हुई है, बिहार सरकार भी जनगणना करा सकती है .

डिप्टी सीएम रेणु देवी ने शनिवार को भाजपा सहयोग कार्यक्रम में बड़ा बयान दिया. पत्रकारों से बातचीत में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पस्ट कर दिया है कि वो जाति आधारित जनगणना नहीं कराने जा रही है. लेकिन अगर राज्य सरकार कराना चाहे तो अब उनके पास ये अधिकार है. बता दें कि जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा से अलग विपक्षी दलों व एनडीए के घटक दलों ने भी मांग रखी है.

उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि उनके माता -पिता लालू-राबड़ी के शासन काल के दौरान जातीय जनगणना क्यों नहीं करायी गयी. रेणु देवी ने कहा कि यह पूरी तरह केंद्र का मसला है. वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि संसद न सही, प्रधानमंत्री को चाहिए कि 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से 75वें स्वतंत्रता दिवस पर गरीब, वंचित, उपेक्षित व पिछड़े/अतिपिछड़ों वर्गों के उत्थान एवं समावेशी विकासात्मक कार्यों को समुचित गति देने जातीय जनगणना कराने की घोषणा करें.

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तेजस्वी ने प्रधानमंत्री से यह मांग अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल के जरिये की है़ उन्होंने लिखा है कि पीएम बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को मिलने का समय नहीं दे पा रहे हैं. केंद्र सरकार जातिगत जनगणना से इन्कार कर चुकी है. ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री को भी गांधी मैदान,पटना से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में राज्य के खर्चे से बिहार में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा करनी चाहिए़.

वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को कहा है कि जातीय जनगणना के विरोधियों के मन में बेईमानी है. अगर राजनेताओं को लाभ लेना है, तो खुल कर अपनी जाति बताते हैं, लेकिन जब लोगों को लाभ लेना है, तो जातीय तनाव की बात कह इसको टाल देते हैं. समाज में भेदभाव नहीं हो इसके लिए जातीय जनगणना जरूरी है. उपेंद्र कुशवाहा ने यह बातें शनिवार को जातीय जनगणना विषय पर आयोजित सेमिनार में कहीं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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