पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार ने बुधवार को कहा कि कोरोना संकट के दौरान जारी लाॅकडाउन से उबरने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज जो भारत के जीडीपी का 10 प्रतिशत हैं, का सर्वाधिक लाभ बिहार की एमएसएमई इकाइयों, 5200 ऐसे प्रतिष्ठानों जहां 93,775 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनका मासिक वेतन 15 हजार से कम है तथा निर्माण कार्य में लगे संवेदकों को मिलेगा. इसके साथ ही 90 हजार करोड़ की दी गयी राहत कोष से बिहार की बिजली कंपनियां लाभान्वित होंगी.
एमएसएमई की परिभाषा बदल कर 20 करोड़ तक की निवेश और 100 करोड़ तक टर्नओवर करने का सर्वाधिक लाभ भी बिहार की एमएसएमई इकाइयों व सर्विस सेक्टर को मिलेगा. एमएसएमई के लिए घोषित 3 लाख करोड़ के बिना गारंटी के लोन तथा कोरोना के कारण संकटग्रस्त इकाइयों के लिए 20 हजार करोड़ की सहायता कोष का फायदा भी बिहार की सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों को मिलेगा. आर्थिक पैकेज से जुड़ी हर Live Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
सुशील मोदी ने कहा कि कर्मचारियों को जहां पहले ईपीएफ के तौर पर 12 प्रतिशत और उतनी ही राशि नियोजक को जमा करना पड़ता था, जिसे 3 महीने के लिए केंद्र सरकार ने जमा करने का ऐलान किया था उसे अब बढ़ा कर छह महीना कर दिया गया है. इसी प्रकार निर्माण कार्य में लगे संवेदकों को राहत देते हुए कार्य पूरा करने की अवधि को 6 महीने तक बढ़ा दिया गया है. टीडीएस और टीसीएस में की गयी 25 प्रतिशत की कटौती का बड़ा लाभ भी बिहार को सर्वाधिक मिलेगा.’