COVID-19 संक्रमितों की ट्रैकिंग, माॅनिटरिंग के लिए Aarogya Setu रिस्टबैंड लगाया जायें : सुशील मोदी

केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक, सूचना-प्राद्यौगिकी व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ देश भर के आईटी मंत्रियों की हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सह आईटी मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कोरोना संक्रमितों व क्वरेंटाइन किये गये लोगों की कलाई पर आरोग्य सेतु आधारित बैंड (Aarogya Embedded Wrist Band) लगाने का सुझाव दिया ताकि उनके शरीर के तापमान, बीमारी के लक्षण व मूवमेंट की ट्रैकिंग व माॅनिटरिंग की जा सकें.

By Samir Kumar | April 28, 2020 6:48 PM
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पटना : केंद्रीय इलेक्ट्राॅनिक, सूचना-प्राद्यौगिकी व संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ देश भर के आईटी मंत्रियों की हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बिहार के उपमुख्यमंत्री सह आईटी मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कोरोना संक्रमितों व क्वरेंटाइन किये गये लोगों की कलाई पर आरोग्य सेतु आधारित बैंड (Aarogya Embedded Wrist Band) लगाने का सुझाव दिया ताकि उनके शरीर के तापमान, बीमारी के लक्षण व मूवमेंट की ट्रैकिंग व माॅनिटरिंग की जा सकें.

उनकी मांग पर केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि शीघ्र ही आरोग्य सेतु एप स्मार्ट फोन के साथ फीचर फोन पर भी डाउनलोड किया जा सकेगा. सुशील मोदी ने बताया कि बिहार में अब तक 38 लाख लोगों ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया है जिनमें पटना में सर्वाधिक 5.62 लाख व मुजफ्फरपुर में 1.81 लाख लोग शामिल हैं.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि प्रवासी बिहारियों को 1-1 हजार की मदद हेतु मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना के कार्यान्वयन के लिए जारी लिंक जिसकी पूरे देश में सराहना हो रही है की प्रक्रिया को झारखंड व यूपी के साथ साझा किया गया है. जियो फेंसिंग तकनीक पर आधारित इस लिंक को बिहार व नेपाल में रहने वाला कोई व्यक्ति क्लिक नहीं कर पायेगा. इसमें आधार व बैंक खाता बिहार का होना चाहिए तथा इसकी सेल्फी भी जियो टैंगिंग हैं जिसका जिलों में पदाधिकारी आधार के फोटो से मिलान करते हैं.

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सुशील मोदी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान 57 जेलों में बंद कैदियों से उनके 1836 परिजनों को ई-मुलाकात एप के जरिये विडियो कान्फ्रेंसिंग करायी गयी है. इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों के बंद होने के बावजूद ‘आंगनबाड़ी पोर्टल’ के जरिये आधार व बैंक खातों का संग्रह किया गया है जिससे एक करेाड़ से ज्यादा लाभार्थियों को लाभ मिलेगा. आईटी के सहयोग से राज्य के 30 जिलों में गाड़ियों व व्यक्तियों के लिए आॅनलाइन ई- कफ्र्यू पास की व्यवस्था लागू की गयी है.

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इसके अलावा ‘बिहार आपदा सहयोग’ पोर्टल पर आधार व बैंक खाता का डेटा संग्रह कर उससे राशन कार्ड के डेटा का मिलान किया जा रहा है ताकि डुप्लीकेट कार्ड निर्गत न हो सके. इसके साथ ही 5 हजार करोड़ से ज्यादा की कोरोना राहत राशि आधार आधारित बैंक खातों में पीएफएमएस प्लेटफाॅर्म का इस्तेमाल कर सीघे भेजी जा रही है.

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