उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने राज्य के विभिन्न इलाकों में रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग के द्वारा हो रही मवेशी के तस्करी पर कारगर रोक लगाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि खास तौर पर सीमांचल के इलाके एवं अन्य रेल मार्गों तथा सड़क मार्ग के द्वारा मवेशियों की तस्करी हो रही है, जिस पर कारगर रूप से नकेल कसने की जरूरत है. इस बाबत उन्होंने नार्थ फ्रंटियर रेलवे के जीएम और बिहार के डीजीपी से दूरभाष पर बात की. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मवेशी तस्करी और पशु क्रूरता व अत्याचार की रोकथाम की दिशा में पूरी संवेदनशीलता के साथ ठोस पहल करने की जरूरत है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग से मवेशियों की हो रही आवाजाही पर प्रभावी नियंत्रण लाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता एवं अत्याचार पर नियंत्रण के लिए स्थापित कानून है.इस कानून के अंतर्गत मवेशियों की आवाजाही हेतु समुचित प्रबंध किये गये हैं.
मवेशियों के आवागमन के लिए निर्धारित स्थान की आवश्यकता, आवागमन के दौरान दुधारू मवेशियों के साथ बछड़े के रहने की अनिवार्यता सहित अन्य विभिन्न प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत सुनिश्चित किये गये हैं. साथ ही मवेशियों के आवागमन के पूर्व रजिस्टर्ड चिकित्सक का प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य है. लेकिन, इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में नियमों की कहीं-न-कहीं अनदेखी की जा रही है, जिससे मवेशी तस्करों की गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं.
श्री प्रसाद ने कहा कि जिला स्तर पर पशुपालन विभाग के अंतर्गत जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में पशु क्रूरता एवं अत्याचार नियंत्रण के लिए समिति गठित है. इसके बाद भी अक्सर देखा जा रहा है कि इस समिति की नियमित बैठकें समय पर नहीं हो पाती. उन्होंने सभी जिलों को ऐसी आवश्यक बैठकों को समयबद्ध तरीके से आयोजित करने एवं जिलों में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये.
Posted By :Thakur Shaktilochan