बिहार : प्राइवेट अस्पतालों को इलाज शुरू करने निर्देश, चिकित्सा संघ ने किया विरोध

बिहार के प्राइवेट अस्पताल, प्राइवेट नर्सिंग होम, क्लिनिक, फार्मेसी, डायनोस्टिक सेंटर को फिर से खोलने का दोबारा निर्देश जारी किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने पूर्व में उपरोक्त संस्थानों को खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसको लेकर भारतीय चिकित्सा संघ यानी आइएमए की ओर से सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2020 7:05 AM

पटना : सूबे के प्राइवेट अस्पताल, प्राइवेट नर्सिंग होम, क्लिनिक, फार्मेसी, डायनोस्टिक सेंटर को फिर से खोलने का दोबारा निर्देश जारी किया गया है. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पूर्व में उपरोक्त संस्थानों को खोलने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इसको लेकर भारतीय चिकित्सा संघ यानी आइएमए की ओर से सरकार के इस निर्णय का विरोध किया जा रहा है. चिकित्सा संघ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की ओर से निजी अस्पतालों को कोविड-19 को लेकर आवश्यक सुरक्षा उपकरण, सामग्री दे या मार्केट से उपलब्ध कराएं, तभी अस्पताल खोले जायेंगे अन्यथा हम जेल जाने को तैयार हैं. इस पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया कि पूर्व में निजी प्रक्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों को किसी भी रोग की चिकित्सा से संबंधित कोई उपकरण अथवा सामग्री उपलब्ध कराने का कोई मामला नहीं है. वैसे भी प्राइवेट संस्थानों के द्वारा चिकित्सा का शुल्क लिया जाता है. जिसका भुगतान रोगी अथवा परिजनों को करना पड़ता है. वहीं बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम द्वारा आपूर्तिकर्ताओं को पूर्व में ही निर्धारित दर की सूची उपलब्ध करा दी गयी है. ऐसे में आइएमए की ओर से प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों को खोलने की पहल की जाये.

आइजीआइएमएस में चलेगी इलेक्ट्राॅनिक आइ ओपीडी

आइजीआइएमएस के रीजनल इंस्टटीयूटी आॅफ आॅफथल्माॅलाॅजी का 25वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को मनाया गया. मौके पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने भी कार्यक्रम में शिरकत की. मौके पर उपमुख्यमंत्री ने नेत्र रोग विभाग या आरआइओ की नयी बिल्डिंग का उद्घाटन किया. इसका निर्माण उनकी विकास निधि से हुआ है. अवसर पर उन्होंने कहा कि आगे भी वे आइजीआइएमएस व मरीजों से जुड़ी सुविधाओं के विकास के लिए अपनी एमएलसी विकास निधि से राशि देंगे. कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में नयी-नयी सुविधाओं का विकास कर रही है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्तर की कई आधुनिक सुविधाएं आइजीआइएमएस में शुरू की गयी और आने वाले समय में कई होनी भी है.

आइजीआइएमएस के निदेशक डाॅ एनआर विश्वास ने कहा कि नेत्र विभाग हर वर्ष 80 हजार से ज्यादा मरीजों को देख रहा है. यहां इसके आइबैंक में 500 से ज्यादा काॅर्निया ट्रांसप्लांट हो चुका है. इसमें आंखों से संबंधित सभी तरह के कैंसर की सर्जरी होती है. मोतियाबिंद के मरीजों का पैकेज सिस्टम के तहत आॅपरेशन होता है. ग्लूकोमा से संबंधित सभी तरह की जटिल सर्जरी व नवजात शिशुओं की भी सर्जरी यहां होती है. वहीं, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ मनीष मंडल ने कहा कि इस नयी बिल्डिंग में इलेक्ट्राॅनिक आइ ओपीडी चलेगी. वहीं गंभीर मरीजों का इलाज पुरानी बिल्डिंग में होगी. उन्होंने कहा कि नयी बिल्डिंग में पूरी तरह से इलेक्ट्राॅनिक ओपीडी चलेगी. मरीज जब आयेगा, तो उसे टोकन दिया जायेगा और यही आगे बढ़ता जायेगा. निकलते समय सारी जांच व डाॅक्टरी सलाह का प्रिंटआउट मिलेगा. यह पूरी तरह से कंप्यूटराइज होगा. मरीज के इलाज से जुड़ा सारा डाटा कंप्यूटराइज रहेगा. इससे रिसर्च व सर्वे में भी मदद मिलेगी. इसमें मरीजों को बैठने की बेहतर व्यवस्था रहेगी. कार्यक्रम में स्थानीय विधायक संजीव चौरसिया, नेत्र रोग विभाग के एचओडी डाॅ विभूति प्रसन्न सिन्हा समेत कई अन्य डाॅक्टर मौजूद थे.

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