बिहार में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले जोखिम को कम करने और पीड़ितों तक काम समय में तुरंत राहत पहुंचाने के लिए अब ड्रोन का इस्तेमाल किया जायेगा. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने इस संदर्भ में एनआइटी और आइआइटी पटना व दिल्ली के विशेषज्ञों के सहयोग से एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसकी स्वीकृति के बाद अगले वर्ष से किसी भी आपदा के दौरान ड्रोन का इस्तेमाल किया जायेगा.
किराये पर लिया जाएगा ड्रोन
अधिकारियों के मुताबिक ड्रोन को किराये पर लिया जायेगा, लेकिन इस काम के लिए एजेंसी का तीन या पांच साल की अवधि के लिए चयन किया जाएगा. जिसके बाद कंपनी और विभाग के बीच करार होगा और उसके बाद आपदाओं के वक्त में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उनसे उनसे ड्रोन लिया जायेगा.
यह होगा फायदा
आपदा प्रबंधन प्राधिकार किसी भी तरह के आपदा में ड्रोन के सहयोग से राहत कार्य में तेजी ला सकेगी. बाढ़, भूकंप, वज्रपात व सुखाड़ सहित अनेक तरह की आपदाएं राज्य में प्रति वर्ष आती हैं. जिनसे लाखों लोगों और परिवारों को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. उन्हें कई तरह की परेशानियाँ झेलनी पड़ती है. कई जगहों पर इन लोगों तक राहत पहुंचाने में देर हो जाती है. इसका मुख्य कारण यह होता है कि रिस्पांस टीम समय से नहीं पहुंचती है, लेकिन ड्रोन के सहयोग से आपदा में फंसे लोगों को खोजना बेहद आसान हो जायेगा.
बाढ़ में होती है सबसे अधिक परेशानी
राज्य में अभी बाढ़ के दौरान एनडीआरएफ , एसडीआरएफ से सहयोग लिया जाता है, जिसमें बोट के माध्यम से पीड़ितों तक पहुंचा जाता है. जिसमें कई बार ऐसा भी देखा गया है कि बोट से सर्च ऑपरेशन में पीड़ितों तक पहुंचने में समय लग जाता है और पीड़ित राहत के इंतजार में फंसे रहते है. इसी तरह किसी भी आपदा के दौरान रात में लोगों तक राहत पहुंचाने में ड्रोन भरपूर सहयोग करेगा.