राज्य अत्यधिक प्रदूषण से राहत एवं बेहतर पर्यावरण के लिए राज्यभार में इस साल के अंत तक सीएनजी व इलेक्ट्रिक बसें दिखायी देने लगेंगी. इसको लेकर परिवहन ने विभागीय तैयारी पूरी कर ली है. कुछ तकनीकी कारणों से पटना के अलावा एक-दो जिलों में में इसकी शुरुआत की गयी है, लेकिन अब बहुत जल्द राज्य में सभी जिलों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, जिसका लाभ आमलोगों को मिलेगा.
इसके साथ ही, प्रदूषण कम करने में सहायता मिलेगी. ये बातें शुक्रवार को परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने अधिवेशन भवन में आयोजित चलंत दस्ता सिपाहियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने नवनियुक्त 347 चलंत सिपाही से यह कहा कि आप लोग अपने दायित्व का निर्वहण करें, यही धर्म है. अगरबत्ती दिखाना धर्म नहीं है. आज सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं अकुशल चालकों के कारण हो रही हैं. इस पर आप सभी को काम करना होगा, ताकि दुर्घटनाएं कम हो सकें. मौके पर परिवहन आयुक्त शीमा त्रिपाठी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि लगभग 30 साल बाद इतनी संख्या में चलंत दस्ता की बहाली की गई है. तीन साल पहले मात्र चार चलंत सिपाही थे. राज्य सरकार के निर्देश पर यह बहाली हुई है. इसका लाभ आम लोगों और विभाग को मिलेगा. इसलिए सभी लोग ईमानदारी से काम करें, ताकि बेहतर काम करने वालों को विभाग पुरस्कृत कर सके और प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में भी भेज सकें.
2022 में कई अन्य पदों पर भी कई नए लोग बहाल होकर आयेंगे, जिसमें एमवीआइ, इएसआइ और परिवहन पदाधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आप सभी की विभागीय परीक्षा छह माह बाद होगी और 10-15 साल के बाद आप सभी को प्रोमोशन भी मिलेगा. यह सरकार की सोच है.