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बिहार दिवस पर केंद्र की सौगात, बौद्ध और जैन सर्किट का होगा विस्तार, तीन जिलों में बढ़ेंगे पर्यटन के अवसर

बिहार दिवस पर प्रदेश को केंद्र सरकार की सौगात मिली है. बौद्ध सर्किट से विक्रमशिला व भदरिया और जैन सर्किट से चंपापुरी व लछुआड़ गांव जुड़ेगा. गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे की मांग पर मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में की घोषणा की है.

बौद्ध सर्किट से भागलपुर का विक्रमशिला महाविहार व बांका का भदरिया गांव जुड़ेगा. वहीं, जैन सर्किट से भागलपुर की चंपापुरी और जमुई का लछुआड़ गांव जुड़ेगा. लोकसभा के इस सत्र में गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा दोनों सर्किट से उक्त स्थलों को जोड़ने की मांग उठाये जाने पर भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इसकी घोषणा की.

बौद्ध सर्किट से जोड़ा जाएगा विक्रमशिला

मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बौद्ध सर्किट से उन सभी गांवों को जोड़ा जायेगा, जिनसे भगवान बुद्ध को ज्ञान मिलने व प्रवास आदि के कारण जुड़ाव रहा, लेकिन इसमें विक्रमशिला छूट गया है. इसे जोड़ने की सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने मांग की है और इसे संज्ञान में लेते हुए विक्रमशिला को बौद्ध सर्किट से जरूर जोड़ा जायेगा. वहीं नितिन गडकरी ने जैन सर्किट से चंपापुरी व लछुआर को जोड़ने की भी घोषणा की.

बौद्ध सर्किट में जो शामिल होंगे

बौद्ध सर्किट का उत्तर प्रदेश के सारनाथ से झारखंड के चतरा जिले के इटखोरी (जहां भगवान बुद्ध ने वर्षों ध्यान लगाया) व देवघर (जहां भगवान बुद्ध ने बाबा बैद्यनाथ मंदिर में प्रार्थना की) और बिहार के बांका जिले के भदरिया (जहां भगवान बुद्ध अपने शिष्य विशाखा से मिले) व प्राचीन विक्रमशिला महाविहार तक विस्तार किया जायेगा. विक्रमशिला महाविहार से भगवान बुद्ध तिब्बत और सुमात्रा गये थे.

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बिहार दिवस पर केंद्र की सौगात, बौद्ध और जैन सर्किट का होगा विस्तार, तीन जिलों में बढ़ेंगे पर्यटन के अवसर 2
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भगवान महावीर का जन्म बिहार के जमुई जिले के लछुआड़ में हुआ था. इसे जैन सर्किट से जोड़ा जायेगा. इतना ही नहीं जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य की स्थली चंपापुरी दुनिया में अतुल्य है. यहां दुनिया के कई देशों से श्रद्धालु व संतों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन यह क्षेत्र भी जैन सर्किट से नहीं जुड़ पाया है. अब यह क्षेत्र भी जैन सर्किट से जुड़ जायेगा.

विश्व के मानचित्र पर बनेगी पहचान, समृद्धि आयेगी

इन इलाकों के बौद्ध व जैन सर्किट से जुड़ने के बाद देश-दुनिया के साथ भावनात्मक व सांस्कृतिक संबंध बढ़ने के साथ इन इलाकों का आर्थिक रूप से भी विकास होगा. पर्यटन के क्षेत्र में भी इनका नाम होगा. इससे भागलपुर, बांका व जमुई जिले की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी. इसका सीधा लाभ आम लोगों को होगा और विश्व पटल पर इलाके की पहचान और मजबूत होगी.

दोनों सर्किट के विस्तार से विकास को मिलेगा बल

बौद्ध व जैन सर्किट से विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ कर सर्किट का विस्तार करने और इन क्षेत्रों को सांस्कृतिक, पर्यटन और आर्थिक रूप से विकसित करने की मांग की गयी थी. इस पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है. इसके लिए मैं मंत्री श्री गडकरी व भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करता हूं.

डॉ निशिकांत दुबे, सांसद, गोड्डा

Posted By: Thakur Shaktilochan

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