बिहार दिवस विशेष: बिहार बोर्ड के छात्रों की राह दूसरे राज्यों के छात्रों से आसान, जानिये कैसे बदली तसवीर

Bihar Diwas: बिहार बोर्ड ने अब पिछले कुछ सालों से रिजल्ट जारी करने में अन्य बोर्डों को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है. बोर्ड के छात्रों को अब भविष्य को लेकर चिंतित नहीं होना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2022 7:07 AM

Bihar Diwas Special: बिहार बोर्ड के छात्र अब दूसरे राज्यों के बोर्ड की तुलना में अधिक फायदे में रहने लगे हैं. करियर को लेकर अब उनकी सबसे बड़ी परेशानी खत्म हो चुकी है. बोर्ड एग्जाम के बाद छात्रों को अब रिजल्ट के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होता है. बेहद ही कम समय में बोर्ड अब रिजल्ट जारी कर देता है. इस बार 2022 को बिहार बोर्ड ने इंटर परीक्षा का रिजल्ट तो एक महीने के अंदर ही जारी कर दिया. बिहार बोर्ड अब देशभर में सबसे कम समय में रिजल्ट देने वाला बोर्ड बन चुका है.

बिहार बोर्ड ने ऐसे किया ये कारनामा 

बिहार बोर्ड लगातार अपना ही रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है. देशभर की नजरें अब बिहार मॉडल की ओर है कि बेहद ही कम समय में रिजल्ट जारी करके बोर्ड किस तरह अपने छात्रों के भविष्य को संवार रहा है. दरअसल, यह कारनामा बोर्ड ने अपने उस इरादे के तहत किया जिसमें छात्रों के भविष्य को सबसे अधिक तव्वजो दी गयी. इसमें बड़ी भूमिका निभाई उच्च तकनीक, बेहतर मैनेजमेंट और हाईस्पीड सॉफ्टवेयर ने. जिसकी मदद से अब बिहार बोर्ड हर साल रिजल्ट समय से बहुत ही पहले जारी कर देता है.

एक महीने के अंदर दिया परिणाम

इंटर परीक्षा का रिजल्ट 2022 में जारी हुआ तो बोर्ड ने अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ा. इस बार बोर्ड ने इंटर परीक्षा सामप्त होने के 29 दिन पर ही परिणाम जारी कर दिया. वहीं कॉपी मूल्यांकन की तिथि से देखें तो 19 दिनों कें अंदर ये रिजल्ट जारी किये गये. इसका सबसे बड़ा फायदा छात्रों को ये मिलता है कि उन्हें आगे किसी कोर्स में एड‍मिशन के लिए रिजल्ट का इंतजार नहीं करना पड़ता है. वो अपने करियर को आसानी से आगे बढ़ा पाते हैं.

Also Read: Bihar Diwas 2022: 110 साल के सफर में बिहार ने देश-दुनिया को दिखायी राह, इन बातों को जान कर आप करेंगे गर्व
दूसरे बोर्ड के  बीच भी बिहार की चर्चा

बिहार बोर्ड ने जब पिछले कुछ सालों से अपने सॉफ्टरवेयर के जरिये ये कारनामे किये तो छात्रों की दिलचस्पी बोर्ड से जुड़ने की और जगी. अब छात्र अधिक संख्या में नामांकन कराते हैं और परीक्षा में बैठते हैं. वहीं अन्य राज्यों के अंदर भी बिहार बोर्ड के इस कारनामे की चर्चा होती है. वो भी बिहार बोर्ड का उदाहरण देकर इसी तरह की तेजी की मांग अपने यहां के बोर्ड से करते हैं.

Published By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version