Bihar DM Ranking: टॉप पर बांका, बॉटम में अररिया, राजस्व एवं भूमि सुधार संबंधी कार्यों में 31वें स्थान पर पटना कलक्टर

Bihar DM Ranking: विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि सितंबर से शुरुआत हो गई है और अब हर एक महीने डीएम के कामकाज की समीक्षा होगी. उस आधार पर उनकी रैंकिंग तय की जाएगी. डीएम के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में भी रैंकिंग में हासिल अंकों को जोड़ा जाएगा.

By Ashish Jha | October 14, 2024 7:53 AM
an image

Bihar DM Ranking: पटना. बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से जुड़े मामलों में पहली बार कलक्टर के कामकाज की समीक्षा की. सितंबर की समीक्षा में सभी मानकों पर बांका के कलक्टर को पहला स्थान मिला. अररिया सबसे फिसड्डी जिला साबित हुआ है. पटना के कलक्टर 38 जिलों में 31वें नम्बर पर रहे. पटना उन पांच जिलों में शामिल है, जिसके डीएम सूची में अंतिम पांचवें नम्बर पर हैं. बाटम के पांच जिलों को सौ में 30 प्रतिशत से भी कम अंक मिले हैं. विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि बांका ऐसा जिला है, जिसके सीओ, डीसीएलआर और एडीएम को पहले भी कई बार पहला स्थान मिला है. कलक्टर की पहली बार हुई रैंकिंग में भी बांका एक नम्बर पर आया. इससे पहले सीओ के कामकाज की मासिक समीक्षा में पटना के अंचलों की हालत खराब बताई गई थी. इसके आधे दर्जन से अधिक सीओ बाटम में थे.

टॉप पर बांका कलक्टर

इस रैंकिंग में अररिया के कलक्टर अनिल कुमार को इस रैंकिंग में सबसे कम 20.9 अंक मिले हैं, जबकि बांका के कलक्टर अंशुल कुमार 56.80 अंकों के साथ शीर्ष पर रहे हैं. दूसरे और तीसरे स्थान पर शेखपुरा के आरिफ अहसान (51.33 अंक) और सिवान के मुकुल कुमार गुप्ता (42.68 अंक) रहे हैं. राजधानी पटना के कलक्टर चंद्रशेखर सिंह को भी इस रैंकिंग में निचले पांच जिलों में जगह मिली है. उन्हें कुल 26.92 अंक मिले हैं. रैंकिंग में शामिल अन्य जिलों में सहरसा (25.11 अंक), पश्चिम चंपारण (26.03 अंक), और नवादा (26.61 अंक) भी निचले पायदान पर रहे हैं.

आठ प्रकार के मानकों पर हुई जांच

विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि सितंबर से शुरुआत हो गई है और अब हर एक महीने कलक्टर के कामकाज की समीक्षा होगी. उस आधार पर उनकी रैंकिंग तय की जाएगी. कलक्टर के वार्षिक कार्य मूल्यांकन प्रतिवेदन में भी रैंकिंग में हासिल अंकों को जोड़ा जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि विभाग ने समीक्षा के दौरान अधिकारियों की उपलब्धियों के आकलन के लिए मानदंड तय किया है, उसमें आठ कार्य शामिल हैं. इसमें दाखिल-खारिज के मामलों का निपटारा, ‘परिमार्जन प्लस’ योजना, ‘अभियान बसेरा-2’, आधार सीडिंग, और एडीएम कोर्ट की निगरानी शामिल हैं. हरेक के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं. ये सब कुल सौ अंक के हैं. जय सिंह ने उम्मीद जाहिर की कि सभी कलक्टर अब राजस्व संबंधित कार्यों में अधिक अभिरुचि लेंगे और तीव्र निष्पादन सुनिश्चित कराएंगे.

Also Read: Navratri: सनातन धर्म के साक्त परंपरा में बलि का है खास महत्व, अनुष्ठान से पहले रखें इन बातों का ध्यान

पिछले चार वर्षों के कार्यों की हुई समीक्षा

उन्होंने कहा कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में पिछले चार वर्षों से कामकाज की समीक्षा और उस आधार पर रैंकिंग सिस्टम लागू है. कलक्टर से पहले सीओ, डीसीएलआर और एडीएम की मासिक रैंकिंग होती थी. विशेष भूमि सर्वेक्षण के दौरान आई परेशानियों को देखते हुए सरकार ने कलक्टर को भी इसमें शामिल करने का निर्णय किया. उन्होंने बताया कि डीएम को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कामकाज में न सिर्फ दखल देने का अधिकार है, बल्कि वे इस विभाग के अधिकारियों – कर्मचारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा भी कर सकते हैं. उन्हें हरके काम की समीक्षा करने और सुधार के लिए निर्देश देने का अधिकार है.

Exit mobile version