Bihar Doctor: पटना. ड्यूटी से गायब सरकारी टीचरों के बाद अब सरकारी डॉक्टरों की नकेल कसने की तैयारी हो चुकी है. सरकारी अस्पतालों में काम करनेवाले चिकित्सक सहित सभी कर्मियों की अनुपस्थिति की सख्ती से मॉनिटरिंग की तैयारी हो गयी है. बायोमेट्रिक के अलावा अब जिला अस्पतालों से लेकर अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक के सभी कर्मियों की हाजिरी अब फेस के माध्यम से दर्ज की जायेगी. कर्मचारी जैसे ही अस्पताल में आयेगें वह फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम (एफआरएएस) के सामने खड़े होंगे, इसके साथ ही उनके चेहरे का स्कैन समय के साथ दर्ज हो जायेगा. इसके आधार पर ही उनकी उपस्थिति और अनुपस्थिति दर्ज की जायेगी.
पटना में दिया जायेगा प्रशिक्षण
स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ सहित सभी कर्मियों जो पहले बायोमेट्रिक काम नहीं करने का बहाना बनाकर या किसी अन्य माध्यम से अस्पताल की ड्यूटी से अनुपस्थित हो जाते थे. अब ऐसे कर्मी किसी भी तरह से अनुपस्थित नहीं रह सकेंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम लगाने की तैयारी की दी है. अस्पताल में काम करनेवाले सभी कर्मी की उपस्थिति दर्ज करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी और प्रखंड अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सहायकों को दो जुलाई से पटना में प्रशिक्षण देने जा रही है.
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आधार के साथ लिंक होगा सिस्टम
यह सिस्टम आधार के साथ लिंक बायोमेट्रिक उपस्थिति से अलग है. इसमें बिना चेहरे दिखाये उपस्थिति दर्ज ही नहीं होगी. साथ ही कोई कर्मचारी दूसरे का हाजिरी भी नहीं बना सकता है. अभी तक यह मॉडल पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक द्वारा उपयोग में लाया जा रहा है. इसमें पीएमसीएच में काम करनेवाले असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर को छोड़कर अस्पताल के सभी सीनियर रेजिडेंट, ट्यूटर, नर्सिंग स्टाफ, मेडिकल ऑफिसर, सहित सभी कर्मियों के अधीक्षक कार्यालय में स्थापित एफआरएएस सिस्टम में उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं. जैसे कि कर्मचारी अस्पताल पहुंचते हैं.