हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग के तेवर कड़े, होस्टल से निष्कासित कर प्राथमिकी दर्ज करा सकती है सरकार

स्वास्थ्य विभाग स्टाइपेंड को लेकर हड़ताल करनेवाले जूनियर डॉक्टरों(bihar doctors strike) द्वारा इलाज बाधित करने पर उनको छात्रावास से रिस्टिकेट करने की कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है. विभाग ऐसे लोगों(jounior doctors) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर कोर्ट तक मामले ले जाने पर भी मंथन किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2020 10:18 AM

स्वास्थ्य विभाग स्टाइपेंड को लेकर हड़ताल करनेवाले जूनियर डॉक्टरों(bihar doctors strike) द्वारा इलाज बाधित करने पर उनको छात्रावास से रिस्टिकेट करने की कार्रवाई पर भी विचार कर रहा है. विभाग ऐसे लोगों(jounior doctors) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने से लेकर कोर्ट तक मामले ले जाने पर भी मंथन किया जा रहा है.

आधिकारिक सूत्रों की माने तो हड़ताली डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के आदेश की अवहेलना भी कर रहे हैं. सख्ती के आदेश के बाद शनिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों से जूनियर डाक्टरों की उपस्थिति की मांगी गयी रिपोर्ट पहुंच गयी है. विभाग हड़ताल पर रहने वाले जूनियर डाक्टरों पर नो वर्क-नो पे प्रावधान लागू करेगी.

विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जूनियर डॉक्टरों ने बिना किसी सूचना दिये हड़ताल पर जाने का एकतरफा निर्णय लिया है. इसके कारण मरीजों के इलाज कराने में बाधा पहुंच रही है. विभागीय स्तर पर हड़ताली डॉक्टरों ने कभी बातचीत करने का प्रयास भी नहीं किया जिससे यह मालूम हो कि उनकी मांगे क्या क्या है.

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ऐसे में विभाग अब ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है. सभी मेडिकल कॉलेज के अनुशासन समिति को निर्देश दिया गया है वह इस प्रकार की कार्रवाई की रिपोर्ट विभाग को भेजे. मेडिकल कॉलेजों द्वारा रिपोर्ट मिलने के बाद वैसे चिकित्सकों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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