Bihar Education: पटना. मध्यप्रदेश की तर्ज पर बिहार के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एमबीबीएस और एमडी-एमएस की पढ़ाई हिंदी में होगी. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर ली है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम मध्यप्रदेश जाकर इसका अध्ययन करेगी कि हिंदी में सभी विषयों को कैसे पढ़ाया जाए. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में इसको लेकर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. उन्होंने निर्देश दिया कि इस सत्र से ही मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में हिंदी में विषयों की पढ़ाई शुरू करने की दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए.
एनाटॉमी की जगह बोलेंगे शरीर रचना विज्ञान
मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री, फिजियोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी, पीडियाट्रिक जैसे विभिन्न शब्दों की जगह अब विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा हिंदी में शरीर रचना विज्ञान, जैव रसायन शास्त्र, शरीर क्रिया विज्ञान, औषधि और शल्य क्रिया विज्ञान जैसे शब्दों का प्रयोग किया जायेगा. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल की पुस्तकों का हिंदी में अनुवाद कराया गया है. इसको विद्यार्थियों को कैसे पढ़ाया जायेगा. मध्यप्रदेश में लागू हिंदी पुस्तकों की उपलब्धता, प्रकाशक आदि की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग की टीम लेगी.
Also Read: बिहार में अपनी पारंपरिक सीटों से भी बेदखल हो गयी कांग्रेस, जानें कन्हैया के साथ क्या हुआ खेला
31 जुलाई तक होना है नामांकन
मालूम हो कि नीट परीक्षा का आयोजन मई में किया जाता है. इसके आधार पर राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 31 जुलाई तक नामांकन किया जाता है. इस तिथि को ध्यान में रखते हुए विभाग के पदाधिकारी मध्यप्रदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं. विभाग की कोशिश है कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पाठ्यक्रम तैयार कर लागू कर दिया जाये. बिहार में हिंदी की पढ़ाया आरंभ होने के पहले शिक्षकों को भी अपनी तैयारी करनी होगी. इसका लाभ हिंदी भाषी विद्यार्थियों को मिलेगा. वे मेडिकल साइंस को आसानी से अपनी भाषा में सीख सकते हैं.