पटना: यूजीसी ने एक बार फिर नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि सितंबर अंत तक ही टर्मिनल सेमेस्टर और फाइनल एग्जाम लिये जायेंगे. यूजीसी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यूजीसी किसी भी हाल में परीक्षा लिये जाने की पक्षधर है और छात्रों को बिना परीक्षा प्रोमोट करने का दूर-दूर तक कोई इरादा नहीं है. हां, इतना जरूर है कि अगर कोई छात्र परीक्षा देने से वंचित रह जाये, तो उसे दोबारा स्पेशल एग्जाम में बैठने दिया जायेगा चाहे कारण जो भी हो.
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यूजीसी ने उन 194 विश्वविद्यालयों का हवाला दिया है, जिन्होंने ऑनलाइन या ऑफलाइन एग्जाम कोरोना संकट के बाद भी ले लिया है और कहा कि 366 विश्वविद्यालय एग्जाम लेना चाहते हैं और इसकी योजना बना रहे हैं.
छह जुलाई को जारी दिशा-निर्देश बरकरार यूजीसी ने स्पष्ट किया है कि छह जुलाई को जारी दिशा-निर्देश बरकरार रहेंगे. इसके तहत अगस्त और सितंबर तक टर्मिनल सेमेस्टर और फाइनल इयर के एग्जाम कराये जायेंगे. विश्वविद्यालय इसकी तैयारी कर रहे हैं. छात्रों को भी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार रहना चाहिए.
यूजीसी का शुरू से मानना रहा है कि बिना एग्जाम के प्रोमोट करने पर वैश्विक स्तर पर डिग्री की मान्यता पर सवाल खड़े हो सकते हैं. नोटिफिकेशन में यूजीसी ने उन देशों का भी हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, हांगकांग आदि देश की सर्वोत्तम विश्वविद्यालय ऑनलाइन-ऑफलाइन या मिश्रित एग्जाम या तो करा चुके हैं या करा रहे हैं.
यूजीसी ने कहा कि यह कोई एक दिन की बात नहीं है. यह डिग्री जीवन भर के लिए होती है और इसकी विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए परीक्षा जरूरी है. परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टैंसिंग और सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना जरूरी है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya