विश्व बैंक की मदद से बिहार की शिक्षा व्यवस्था होगी दुरुस्त, शिक्षा विभाग ने दी 222.87 करोड़ रूपए की मंजूरी
विश्व बैंक की मदद से प्रदेश में इनहैंसिंग टीचर इफेक्टिवनेस इन बिहार कार्यक्रम के तहत चल रही परियोजना के लिए शिक्षा विभाग ने 222.87 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है़. इस राशि से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने शिक्षकों की बेहतरी के लिए विशेष शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकसित की जानी है़. इस परियोजना में विश्व बैंक और राज्य की हिस्सेदारी 70:30 है़.
विश्व बैंक की मदद से प्रदेश में इनहैंसिंग टीचर इफेक्टिवनेस इन बिहार कार्यक्रम के तहत चल रही परियोजना के लिए शिक्षा विभाग ने 222.87 करोड़ से अधिक की राशि मंजूर की है़. इस राशि से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने शिक्षकों की बेहतरी के लिए विशेष शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकसित की जानी है़. इस परियोजना में विश्व बैंक और राज्य की हिस्सेदारी 70:30 है़.
हालांकि, इस परियोजना के बजट में इस साल कटौती की कर दी गयी है़ जानकारी के मुताबिक विश्व बैंक की मदद से प्रदेश में यह परियोजना 2015 में शुरू हुई थी़. इस परियोजना के तहत पांच साल में 2234 करोड़ रुपये 2021 तक खर्च किये जाने थे़. अब इस परियोजना की संशोधित लागत 357 मिलियन डाॅलर(2234 करोड़) की जगह 228 मिलियन डाॅलर(1681 करोड़) की रह गयी है़.
हालांकि, इसके अपने ठोस कारण हैं. सूत्र बताते हैं कि विश्व बैंक संपोषित इस परियोजना को पूरा करने में सरकारी एजेंसियां अपेक्षित गति नहीं बना कर रख सका़ इसलिए यह कटौती की गयी है़.
बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की तरफ से यह राशि राज्य के प्रशिक्षण संस्थानों के निर्माण के लिए उपलब्ध करायी गयी है़. निगम इस परियोजना की नोडल इकाई है़ विशेष बात यह है कि इस राशि का किसी दूसरे मद में प्रयोग नहीं किया जा सकता है़. भारत सरकार के ऑडिट अफसर इस राशि के खर्च पर पूरी निगरानी रखेंगे़.
इस राशि से बने निर्माण कार्य के उपयोगिता प्रमाण पत्र बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड शिक्षा विभाग उपलब्ध करायेगा़.
Posted by : Thakur Shaktilochan