बिहार के इस शहर में शिक्षकों को हाजरी बनाने के लिए चट्टानों पर बैठ नेटवर्क का करना पड़ता है इंतजार…
Bihar Education पंचायत के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को इ-शिक्षा कोष एप के माध्यम से हाजिरी बनाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षक चट्टानों पर खड़े होकर मोबाइल के नेटवर्क का इंतजार करते हैं और हाजिरी बनाने की कोशिश करते हैं.
Bihar Education इ-शिक्षा कोष एप के माध्यम से शिक्षकों को हाजिरी बनाना है. हाल ही में यह नया नियम लागू हुआ है, पर डुमरिया के सुदूर इलाकों में कार्यरत शिक्षकों के लिए यह व्यवस्था परेशानी का सबब बन गयी है. इन इलाकों में सबसे बड़ी समस्या नेटवर्क को लेकर है. इसके अलावा कई शिक्षक हैं, जो इस नयी व्यवस्था में दक्ष नहीं हो सके हैं, ऐसे में उनक परेशानी अलग है.
छकरबंधा पंचायत में जंगली क्षेत्र होने के कारण इसके आसपास मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. इस पंचायत के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं को इ-शिक्षा कोष एप के माध्यम से हाजिरी बनाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. शिक्षक चट्टानों पर खड़े होकर मोबाइल के नेटवर्क का इंतजार करते हैं और हाजिरी बनाने की कोशिश करते हैं. इस स्थिति में किसी की हाजिरी बनती है, तो किसी की नहीं.
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कई शिक्षकों ने बताया कि उन्हें समय से पहले विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है, ताकि किसी चट्टान पर चढ़कर नेटवर्क आने पर अपनी हाजिरी बना सकें. उत्क्रमित उच्च विद्यालय बरहा के प्रभारी प्राचार्य सुरेश कुमार यादव ने बताया कि बरहा में मोबाइल नेटवर्क नहीं रह रहा है. नेटवर्क नहीं रहने से ऑफलाइन ही हाजिरी बना रहे हैं. यह समस्या कई दिनों से बनी है. इस तरह की समस्या पूरी पंचायत मं है. कई शिक्षकों का मानना है कि ऑनलाइन हाजिरी बनाने में बहुत कम शिक्षक-शिक्षिकाओं को ही सफलता हाथ लग रही. जिनकी हाजिरी नहीं बन रही, वे टेंशन में रह रहे हैं.
कई शिक्षक यूट्यूब के सहारे सीख रहे हाजिरी बनाना
स्कूल से आउट होने के समय भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को ऐसी ही परेशानी झेलनी पड़ती है. कई शिक्षक तो यूट्यूब के सहारे हाजिरी बनाने के तरीकों को सीख रहे हैं. तकनीक में कम दक्ष रहने वाले हेडमास्टरों-शिक्षकों को ज्यादा परेशानी हो रही है. कई शिक्षकों का कहना था कि वे लोग स्कूल में मौजूद हैं, लेकिन इ-शिक्षा कोष एप पर हाजिरी नहीं बना पा रहे हैं. एप उनको स्कूल से कई किलोमीटर दूर बता रहा है. कुछ शिक्षकों का कहना था कि साइट के नहीं खुलने से सुबह के आठ बजे तक वे लोग हाजिरी बनाने में असफल रहते हैं. कुछ शिक्षकों का कहना था कि ऑनलाइन हाजिरी के लिए शिक्षक-शिक्षिकाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण जरूरी था. इस पूरे मामले को लेकर प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी डुमरिया से पक्ष जानने के लिए संपर्क स्थापित करने की कोशिश की गयी, पर बात नहीं हो सकी.