बिहार के सरकारी स्कूलों की बदल जाएगी सूरत, मेंटेनेंस के लिए मिलेंगे अब इतनी राशि

Bihar Education: नये वित्तीय वर्ष से प्रत्येक सरकारी विद्यालय में मेंटेनेंस पर 50 हजार रुपये खर्च होंगे. इसके लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल को 50 हजार रुपये की राशि मिलेगी.

By Ashish Jha | January 12, 2025 10:52 AM
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Bihar Education: पटना. बिहार के सरकारी स्कूलों की सूरत बदलनेवाली है. बिहार सरकार सभी सरकारी स्कूलों को मेंटेनेंस के लिए अलग से राशि देने का फैसला किया है. नये वित्तीय वर्ष से प्रत्येक सरकारी विद्यालय में मेंटेनेंस पर 50 हजार रुपये खर्च होंगे. इसके लिए प्रत्येक सरकारी स्कूल को 50 हजार रुपये की राशि मिलेगी. यह राशि सरकारी स्कूलों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी.

इन कामों पर किया जायेगा खर्च

शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को प्रति स्कूल 50 हजार रुपये की दर से राशि देने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो वित्त विभाग को बजट में शामिल करने हेतु भेजा जाएगा. स्कूल को मिलने वाली 50 हजार रुपये की राशि से बल्ब, पंखा, ट्यूबलाइट, शौचालय, नल, सबमर्सिबल, पाइप, ओवरहेड टैंक, खिड़की, किबाड़, बेंच, डेस्क, टेबुल, आलमारी, गैस चूल्हा सहित किचेन सामग्री, प्रयोशाला सामग्री, छत एवं फर्श सहित सभी प्रकार की मरम्मति के कार्य होंगे.

ट्रांसफर की जाएगी राशि

इस राशि से ब्लैकबोर्ड की मरम्मति एवं रंगाई, बेंच, डेस्क, टेबुल एवं आलमीरा की पेंटिंग, जल-जमाव निकासी संबंधी कार्य एवं स्कूल के जंगल-झाड़ की साफ-सफाई भी होगी. विभाग के अनुसार सभी विद्यालयों को 50 हजार रुपये की राशि सीएफएमएस प्रक्रिया के तहत हस्तांतरित की जायेगी. जैसे अगर कोई स्कूल 35 हजार रुपये का कार्य कराता है, तो संबंधित प्रधानाध्यापक 35 हजार रुपये का मूल विपत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को देंगे तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा वह राशि स्कूल को हस्तांतरित की जाएगी.

इन बातों का भी रखना होगा ध्यान

  • प्रत्येक विपत्र में मजदूरी एवं सामग्री क्रय का स्पष्ट एवं अलग-अलग उल्लेख होगा.
  • राशि विपत्र पर प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक के साथ उनके बाद के वरीयतम शिक्षक का पूर्ण हस्ताक्षर होगा.
  • इसके साथ ही दो शिक्षकों के भी हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे.
  • राशि की निकासी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) करेंगे तथा डीसी विपत्र महालेखाकार को उपलब्ध कराने के साथ ही उसकी एक प्रति शिक्षा विभाग के एसी-डीसी कोषांग को उपलब्ध करायेंगे.
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