पटना : हम पार्टी के जीतन राम मांझी व रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा के दिल्ली दौड़ का परिणाम नहीं निकल पाया है़. कांग्रेस के वरीय नेताओं की ओर से बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को महागठबंधन में विभिन्न दलों से बात करने और को-ऑर्डिनेशन कमेटी के गठन की पैरवी करने के लिए एक सप्ताह का समय भी अब बीतने वाला है़. दो जुलाई को एक सप्ताह का सेकेंड टाइम लाइन पूरा हो रहा है़.
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सूत्रों की मानें तो अब तक गोहिल ने इसको लेकर राजद से कोई बात नहीं की है़. वहीं, दूसरी तरफ राजद के तेजस्वी या अन्य कोई बड़े नेता की ओर से को-ऑर्डिनेशन कमेटी को लेकर कोई पहल नहीं दिखायी जा रही है़.ऐसे में दोनों छोटे घटक दलों का मामला एक बार फिर फंसा नजर आ रहा है़. जानकारी के अनुसार दो जुलाई के बाद मांझी महागठबंधन को लेकर अपना फैसला करेंगे़.
जानकारी के अनुसार उपेंद्र कुशवाहा मंगलवार की शाम फिर दिल्ली चले गये़. वहां एक बार कांग्रेस के आला नेताओं से मिल कर बिहार महागठबंधन को लेकर बात होगी़. सूत्रों की मानें तो कुशवाहा का प्रयास सीट के अलावा प्रमुख पद पर भी है़. दो बार दिल्ली जाने के बाद भी उनकी बात नहीं बन पा रही है़. मांझी सीएम पद को लेकर पहले ही अपनी राय स्पष्ट कर चुके हैं. मांझी की ओर से अधिकतम सीट को लेकर प्रयास किया जा रहा है़. वहीं, राजद इन दोनों दलों को कोई भाव नहीं दे रहा़. तेजस्वी की इस संबंध में उदासीनता के कारण कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी महागठबंधन दलों के वर्चुअल बैठक में भाग नहीं ले रही है़ं.