पटना : बिहार की राजनीतिक गलियारे से आयी एक खबर ने सियासी बहस को गर्म कर दिया है. कहा जा रहा है कि बिहार सरकार के उद्योग मंत्री और जदयू के दलित चेहरे श्याम रजक ने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया है. वैसे प्रभात खबर से बात करते हुए श्याम रजक ने कहा कि अभी कुछ नहीं कहेंगे, हम इस विषय में कल बतायेंगे.
सूत्रों की माने तो ‘लालू के श्याम’ नाम से चर्चित यह राजनेता राजद की सदस्या ले सकते हैं. बिहार की राजनीति में श्याम रजक पिछले तीन दशक से एक चर्चित नाम है. बात चाहे लालू के दरबार की हो या फिर नीतीश के कैबिनेट की श्याम रजक हर जगह से चर्चित रहे हैं.
श्याम रजक के जदयू छोड़ने की खबरें तो पहले से ही आ रही थी, लेकिन अब राजद की ओर से भी कहा जा रहा है कि रजक का पार्टी में आने पर स्वागत होगा.
श्याम रजक बिहार में जदयू के लिए तुरुप का इक्का भी साबित होते रहे हैं, यही कारण है कि वोटों के समीकरण को ध्यान में रखते हुए उनको नीतीश कुमार की सरकार में दो-दो बार मंत्री का पद मिला. लालू दरबार में भी श्याम की खासी पूछ थी और वो राबड़ी देवी की सरकार में भी पावरफुल यानी मंत्री थे. उनकी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राबड़ी मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे.
साल 2009 में लालू-राबड़ी से मोह भंग करने के बाद श्याम रजक उसी साल जदयू में शामिल हो गए थे लेकिन उप चुनाव में उनको हारना पड़ा. साल 2010 में वो फिर से जदयू के कोटे से विधायक बने और मंत्री बने लेकिन जब रजक 2015 में महागठबन्धन से विधायक बने और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे तो उनको नीतीश सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया था.
नीतीश कुमार जब राजद का साथ छोड़कर भाजपा के साथ आये तो रजक की कैबिनेट में वापसी हुई. नीतीश ने उनको उद्योग मंत्रालय सौंपा था और पटना का खादी मॉल नीतीश सरकार में रजक के रहते हुए एक बड़ी उपलब्धि कहा जा रहा था. बिहार में विधानसभा के चुनाव दो महीने बाद होने हैं, ऐसे में ये कयास फिर से लगाये जा रहे हैं कि श्याम रजक चुनाव से पहले एक बार फिर से अपने पुराने घर यानी राजद का रूख करेंगे.
posted by ashish jha