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राजद में मचे बवाल के बीच राज्यपाल से मिले तेजस्वी, बिहार में सत्ताधारी दल पर लगाया ये गंभीर आरोप

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में मचे सियासी घमसान के बीच सदन में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार को अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की. इस दौरान तेजस्वी यादव ने आरक्षण मामले को लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि आरक्षण के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. साथ ही बताया गया कि आरक्षण के प्रावधान खत्म करने की साजिश की जा रही है.

By Samir Kumar | June 23, 2020 9:14 PM

पटना : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में मचे सियासी घमसान के बीच सदन में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार को अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात की. इस दौरान तेजस्वी यादव ने आरक्षण मामले को लेकर राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा. राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में बताया गया कि आरक्षण के प्रावधानों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. साथ ही बताया गया कि आरक्षण के प्रावधान खत्म करने की साजिश की जा रही है.

सूत्रों के मुताबिक, राज्यपाल फागू चौहान से मुलाकात के दौरान तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार की जमकर शिकायत की. तेजस्वी यादव ने राज्यपाल को बताया कि बिहार में विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल बिहार का विकास छोड़कर विरोधी पार्टियों को तोड़ने में लगा है.इस दौरान तेजस्वी यादव के साथ रमई राम, उदय नारायण चौधरी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी साथ मौजूद थे.

एमएलसी मामले में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कही ये बात

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा खजाने के पास लोग जाते हैं. कल लूट हुई थी, आज टूट हुई है. जगदानंद सिंह ने कहा कि किसी के जाने से कुछ नहीं होता. नेता, जनता नहीं बनाते ,जनता नेता और विधायक बनाती है. यह बात नेताओं को ध्यान रखनी चाहिए. जनता हमारे साथ है, यह बात आने वाला समय बता देगा. हम भी करारा जवाब देंगे.

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एमएलसी के राजद छोड़ने पर बोले तेजस्वी…

तेजस्वी यादव ने कहा कि जदयू और उसके शीर्ष नेता लॉकडाउन के दौरान राजद को तोड़ने की रणनीति बनाने में लगे रहे. इससे पार्टी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मैं जदयू और पार्टी छोड़ने वाले एमएलसी के बेहतर भविष्य की शुभकामना देता हूं. लेकिन, इससे जनता को क्या फायदा होगा? हालांकि, यह भी जनादेश के अपमान का ही एक मामला है. यह मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की राजनीति का यह पहलू भर है. इससे हम निबट लेंगे.

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