बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी को विधानसभा चुनाव के पहले जोरदार झटका दिया है. मंगलवार सुबह पहले तो राजद के पांच विधानपार्षद (MLC) ने जेडीयू का दामन थामा, इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
आपको यहां बता दें कि रघुवंश प्रसाद सिंह अभी कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं और वे पटना एम्स में इलाज करवा रहे हैं. जानकारी के अनुसार रघुवंश प्रसाद सिंह सहित पार्टी के कई बड़े नेता बाहुबली रामा सिंह को पार्टी में शामिल कराये जाने की खबर से नाराज चल रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो पार्टी के कई बड़े नेता भी आने वाले समय में राजद का दामन छोड़ सकते हैं.
लोजपा के पूर्व बाहुबली सांसद राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की जिसके बाद बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है. आपको बता दें कि रामा सिंह वही नेता हैं जो कभी लालू प्रसाद यादव और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह के कट्टर विरोधी हुआ करते थे. यही नहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली से खड़े हुए थे तो उनके खिलाफ मैदान में यही रामा सिंह थे. इस चुनाव में रघुवंश बाबू को करीब एक लाख से ज्यादा वोट से करारी हार का सामना करना पड़ा था.
सूत्रों की मानें तो 29 जून को रामा सिंह राजद का दामन थाम सकते हैं. वैशाली जिले में रामा सिंह का नाम बहुत बड़ा है. उनकी गिनती लोजपा के बड़े नेताओं में की जाती है. सही नहीं सवर्णों के बीच उनका बड़ा वोट बैंक है. लोकसभा चुनाव 2014 के बाद यदि हम 2019 के चुनाव की बात करें तो लोजपा ने वैशाली से इस साल उनकी जगह वीणा देवी को मैदान में उतारा. उसी वक्त से यह कयास लगाए जा रहे थे कि आने वाले दिनों में रामा सिंह लोजपा को बाय बाय कर सकते हैं और किसी बड़ी पार्टी पर विश्वास जता सकते हैं.
राजद छोड़ने वाले विधानपार्षदों के नाम इस प्रकार हैं. संजय प्रसाद, मो. कमर आलम, राधाचरण साह, रणविजय कुमार सिंह और दिलीप राय ने राजद छोड़कर जदयू पर भरोसा जताया है.
Posted By: Amitabh Kumar