बिहार में बंद होगी बिजली की लुकाछिपी, आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने में खर्च होंगे हजार करोड़
Bihar Electricity: अभी शहरी इलाकों में 23-24 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 20-22 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है. कंपनी चाहती है कि सभी जगह चौबीस घंटे बिजली मिले. अभी ट्रिपिंग अधिक होती है. इसलिए आपूर्ति व्यवस्था बेहतर करने के लिए हर साल 900 करोड़ खर्च किए जाएंगे.
Bihar Electricity: पटना. बिहार में बिजली की लुकाछिपी खत्म होनेवाली है. बिजली कंपनी ने आपूर्ति व्यवस्था को और बेहतर करने पर काम शुरू कर दिया है. निर्बाध बिजली के लिए कंपनी ने हर साल औसतन 900 करोड़ खर्च करने का फैसला किया है. इस पैसे से तार, पोल, ट्रांसफॉर्मर के साथ ही अन्य सामग्री की खरीदारी की जाएगी. नए उपकरण लगाए जाएंगे और पुरानों को बदला जाएगा. कंपनी ने 25 केवीए, 63 केवीए, 100 केवीए, 200 केवीए और 315 केवीए के ट्रांसफॉर्मर खरीद करने का निर्णय लिया है.
पिछले पांच वर्षों में खर्च हुए महज 223 करोड़
पिछले पांच वर्षों में कंपनी ने ट्रांसफॉर्मर खरीद में मात्र 223 करोड़ खर्च किए हैं. अब 1000 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया है. लो-टेंशन केबल, 11केवी व 33 केवी के केबल व तार बदलने में 10 वर्षों में 600 करोड़ खर्च होंगे. पांच और 10 एमवीए के ट्रांसफॉर्मर की खरीद पर 300 करोड़ अतिरिक्त खर्च होंगे. सिंगल व थ्री फेज, एलटी, 11केवी व 33 केवी में मीटर लगाने पर दस वर्षों में 65 सौ करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया है.
वीसीबी, ट्रांसफार्मर के तेल के भी खरीद होगी
11 केवी व 22 केवी का वीसीबी खरीद पर पांच साल मं 84 करोड़ खर्च हुए. अगले दस वर्षों में 300 करोड़ खर्च किए जाएंगे. डीपीसी वायर व एसई वायर के मद में जहां 68 करोड़ खर्च हुए थे तो वहीं 10 वर्षों में 200 करोड़ खर्च किए जाएंगे. तेल के चलते ट्रांसफार्मर के जलने की समस्या अधिक है. पांच वर्षों में कंपनी ने तेल खरीद पर 83 करोड़ खर्च किए. ट्रांसफार्मर की संख्या और इसे सुरक्षित बनाने के लिए अब दस वर्षों में 300 करोड़ खर्च करने का निर्णय लिया गया है.
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