पटना में 6 साल बाद फिर हुआ एनकाउंटर, STF ने कुख्यात मुचकुंद को भी अजय राय की तरह ही किया था ढेर
Encounter In Patna: पटना में 6 साल के बाद शुक्रवार को फिर एक एनकाउंटर हुआ. एसटीएफ ने कुख्यात मुचकुंद के बाद अब अजय राय को ढेर किया है. जानिए दोनों मुठभेड़ की कहानी....
Patna Encounter News: पटना में 6 साल के बाद फिर एकबार एसटीएफ की गोलियों ने किसी अपराधी को मुठभेड़ में छलनी किया है. एसटीएफ और अपराधियों के बीच शुक्रवार को मुठभेड़ हुई और इस दौरान सारण जिले का रहने वाला कुख्यात अपराधी अजय राय ढेर हो गया. एसटीएफ ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया. करीब 6 साल के बाद पटना में एनकाउंटर का कोई मामला सामने आया है. अजय राय के पहले 2018 में एसटीएफ ने इनामी कुख्यात अभिषेक कुमार उर्फ मुचकुंद को मुठभेड़ में मार गिराया था.
पटना में एनकाउंटर, कुख्यात अजय राय ढेर
जक्कनपुर थाना क्षेत्र के संजय नगर इलाके में शुक्रवार की रात को एसटीएफ ने एक मकान को घेर लिया. एसटीएफ को सूचना थी कि इस मकान में कुख्यात अजय राय छिपा हुआ है जो लंबे समय से फरार था. उसपर आधा दर्जन बैंक लूट व अपहरण के मामले दर्ज थे. एसटीएफ ने मकान को घेरकर माइकिंग की और अजय राय को सरेंडर करने कहा लेकिन उसने फायरिंग शुरू कर दी. जिसके बाद एसटीएफ ने जवाबी गोलीबारी में अजय राय को ढेर कर दिया. उसे चार गोली लगी और वो मारा गया. इस मुठभेड़ में गोलियों की तड़तड़ाहट से शुक्रवार की रात को पटना का यह इलाका दहल गया.
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6 साल पहले पटना में हुआ था एनकाउंटर
पटना में करीब 6 साल के बाद कोई एनकाउंटर हुआ है. 6 साल पहले वर्ष 2018 में पटना में एसटीएफ ने इनामी कुख्यात अपराधी अभिषेक कुमार उर्फ मुचकुंद को मार गिराया था. मुचकुंद और अजय राय दोनों का एनकाउंटर दिसंबर के ही महीने में हुआ है.
2018 में एसटीएफ ने कुख्यात मुचकुंद को घेरा था
कुख्यात मुचकुंद का आतंक तब बढ़ता जा रहा था और अब पटना में गैंगवार की नौबत साफ दिख रही थी. इस बीच पाटलिपुत्र स्टेशन से कुछ दूर पूर्वी गोला रोड में एसटीएफ और अपराधियों की मुठभेड़ हुई और इस मुठभेड़ में कुख्यात मुचकुंद मारा गया था. नौबतपुर के चेचौल गांव का रहने वाला कुख्यात मुचकुंद करीब 22 साल का था. जिसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी. इस बीच वह अपने सहयोगियों के साथ बाइक पर सवार होकर भाग रहा था.
मारा गया था कुख्यात मुचकुंद
कुख्यात मुचकुंद बाइक पर सवार होकर भागा तो उसका पीछा पुलिस करने लगी थी. इस दौरान उसकी बाइक फिसल गयी और पुलिस ने उसे चारो तरफ से घेर लिया. मुचकुंद ने खुद को घिरा पाया तो फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में पुलिस के जवान बाल-बाल बचे थे. जिसके बाद एसटीएफ ने भी गोली दागनी शुरू की और मुचकुंद को 4 गोली लगी थी जिससे उसकी मौत हो गयी थी. बता दें कि मुचकुंद पटना के टॉप 10 अपराधियों की लिस्ट में नंबर 1 पर था और बाइपास इलाके में इसके गिरोह के ही अपराधियों से हुई मुठभेड़ में एक जवान मुकेश कुमार शहीद हुए थे. जिसके बाद पुलिस मुचकुंद के पीछे लगी थी.
पटना में बड़े गैंगवार की थी आहट
एसटीएफ से मुठभेड़ में अगर मुचकुंद नहीं मारा गया होता, तो पटना में बहुत जल्द एक गैंगवार की संभावना थी. दरअसल, कुख्यात पिंटू सिंह की हत्या की स्क्रिप्ट मुचकुंद उन दिनों लिख रहा था और जिस AK 47 हथियार से मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या की गयी थी उसी हथियार से तब पटना के कुख्यात पिंटू सिंह को मौत के घाट उतारने की तैयारी चल रही थी. पटना में अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बनाने के लिए मुचकुंद तब कई लाश बिछाने की तैयारी में जुट गया था. शराब सप्लाई के पैसे को लेकर मुचकुंद और पिंटू में तब अनबन भी हुई थी.