Loading election data...

बिहार के उद्यमियों को अब सरकारी ठेकों में मिलेगी विशेष छूट, नीतीश कैबिनेट ने दी मंजूरी

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में बिहार के उद्योगों और उद्यमियों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. जिसके तहत अब सरकारी ठेकों में उयमियों को विशेष छूट दी जाएगी.

By Anand Shekhar | August 6, 2024 4:37 PM
an image

Bihar Cabinet: बिहार के उद्यमियों और स्थानीय औद्योगिक इकाइयों की लंबे समय से चली आ रही मांग को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी. अब बिहार के किसी भी सरकारी सामग्री की खरीद या ठेके के टेंडर में बिहार की इकाइयों को विशेष छूट मिलेगी. पांच लाख तक के टेंडर पर यह नियम लागू नहीं होगा. सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा करने के बाद ठेके में एल-1 में 15 फीसदी मार्जिन होने पर भी बिहारी उद्यमियों को लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार अधिप्राप्ति वरीयता नीति 2024 समेत 36 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

कंपनी के 50 फीसदी कर्मी होने चाहिए बिहारी

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार सरकार ने खरीद नीति में बड़ा बदलाव किया है. इस नीति के तहत स्थानीय निर्माताओं को परिभाषित किया गया है. इसके तहत बिहार में उत्पादन करने वाली इकाई जीएसटी रजिस्टर्ड होनी चाहिए, एक साल पहले का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए, एक साल का जीएसटी रिटर्न होना चाहिए, कुल कर्मचारियों में 50 फीसदी बिहार के कर्मी होने चाहिए और रजिस्टर्ड कंपनी को अपना 50 फीसदी काम बिहार में करना होगा.

खरीद नीति का लाभ उठाने के लिए बिहार सूक्ष्म एवं लघु उद्यम (बीएसई) के पास बिहार में उत्पादन सुविधा होनी चाहिए. इसे बिहार में एक वैध उद्यम के रूप में पंजीकृत होना चाहिए और स्थानीय सामग्री की न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए.

15 प्रतिशत मार्जिन रहने पर भी मिलेगा काम

डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि ऐसी बिहारी इकाई को ठेके में एल-1 से 15 फीसदी अधिक दर रहने पर भी कंपनी को ठेके में हिस्सेदारी मिलेगी. ठेके में एल-1 से 15 प्रतिशत अधिक रहने पर उस कंपनी को 25 प्रतिशत काम दिया जायेगा. बिहार कंपनी 25 प्रतिशत काम एल-1 के दर पर करेगी. अगर सरकार किसी सामग्री की खरीद करती है तो 15 प्रतिशत मार्जिन रहने पर भी बिहारी कंपनी को 20 प्रतिशत काम मिलेगा. उन्होंने बताया कि खरीद की श्रेणी में वस्तुएं और सेवाएं दोनों शामिल हैं.

Also Read: गोपालगंज में बारिश से बिगड़े हालात, झील में तब्दील हुआ सदर अस्पताल, 3 लोगों की मौत

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगी स्थायी समिति

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि इस संबंध में राज्य क्रय वरीयता स्थायी समिति (एसपीपीएससी) का भी गठन किया जाएगा. मुख्य सचिव इस स्थायी समिति के अध्यक्ष होंगे, जबकि अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, वित्त विभाग, उद्योग विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव इस समिति के सदस्य होंगे. तकनीकी विशेषज्ञों सहित अन्य सदस्यों का चयन मुख्य सचिव द्वारा आवश्यकतानुसार किया जा सकेगा.

ये भी देखें: पप्पू यादव को क्यों आयी इंदिरा गांधी की याद?

Exit mobile version