पटना : प्रदेश के विश्वविद्यालयों में परीक्षा आयोजन के सिलसिले में चल रहे विमर्श में एक बात पर साफ तौर पर सहमति बनती दिख रही है कि इस साल की शेष रह गयी विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का स्वरूप वस्तुनिष्ठ या इसके आसपास का होना चाहिए, ताकि कॉपियों की जांच समय पर पूरी हो सके. कुछ विश्वविद्यालय तो ऐसे हैं, जिनकी अकादमिक काउंसिल ने वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर के जरिये परीक्षा कराने पर अपनी मुहर लगा दी है.
कई विश्वविद्यालय अगले हफ्ते तक इस मामले में अंतिम निर्णय तक पहुंच जायेंगे. दूसरी तरफ प्रदेश के अधिकतर विश्वविद्यालयों को राजभवन की तरफ से एडवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है. आठ कुलपतियों की यह समिति अगले हफ्ते राजभवन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. राजभवन की तरफ से गठित इस कमेटी की तरफ से दो बार उच्चस्तरीय बैठक हो चुकी है.
कई विवि चाहते हैं पारंपरिक एग्जाम : आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कुछ विश्वविद्यालय ऑनलाइन तो कुछ विश्वविद्यालय पारंपरिक तौर पर एग्जाम चाहते हैं. सूत्र बताते हैं कि पारंपरिक तरीके से परीक्षा लेना उचित रहेगा. इसमें भी ओएमआर शीट के जरिये परीक्षा ली जा सकती है. विश्वविद्यालयों के सामने सबसे बड़ी चिंता परीक्षा कक्षों को हर पाली के बाद सैनिटाइज कराने की रहेगी. इसके लिए तकरीबन सभी विश्वविद्यालयों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. कुलपतियों ने राजभवन के मार्गदर्शन के बाद संबंधित जिला पदाधिकारियों से विश्वविद्यालय के भवनों को खाली करने के लिए कहा है.
मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय में संचालित विभिन्न वोकेशनल कोर्सों में दाखिला के लिए शनिवार को अधिसूचना जारी कर दी गयी. एमयू के डीएसडब्ल्यू द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक 20 जुलाई से 31 अगस्त तक अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. जारी अधिसूचना में आवेदन करने के लिए शुल्क भी निर्धारित किये गये हैं और उसके बाद बताया गया है कि विभिन्न कोर्सेज में उपलब्ध सीटों के हिसाब से व प्राप्त आवेदनों के मुताबिक मेरिट लिस्ट तैयार किया जायेगा और उसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की काउंसेलिंग के बाद उनका एडमिशन लिया जायेगा.