Loading election data...

बिहार में फसल सहायता योजना के लिए किसानों को करना होगा 31 जुलाई से पहले आवेदन, सात प्रखंडों को नहीं मिलेगा धान का मुआवजा

खरीफ मौसम के अभियान की सफलता के लिए कृषि विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. खरीफ की खेती करने वाले किसानों को नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके इसके लिए फसल सहायता योजना का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. आवेदन करने की तारीख से भुगतान लेने की तारीख तक का निर्धारण हो गया है. आगामी खरीफ फसल के लिए कृषि विभाग में निबंधित किसान सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर 31 जुलाई तक फसल सहायता योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2021 10:27 AM

खरीफ मौसम के अभियान की सफलता के लिए कृषि विभाग के साथ ही सहकारिता विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. खरीफ की खेती करने वाले किसानों को नुकसान होने पर उसकी भरपाई की जा सके इसके लिए फसल सहायता योजना का कार्यक्रम जारी कर दिया गया है. आवेदन करने की तारीख से भुगतान लेने की तारीख तक का निर्धारण हो गया है. आगामी खरीफ फसल के लिए कृषि विभाग में निबंधित किसान सहकारिता विभाग की वेबसाइट पर 31 जुलाई तक फसल सहायता योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.

फसल कटनी का प्रयोग 28 फरवरी, 2022 को होगा. इसके जरिये तय होगा कि राज्य में किस जिले के किस प्रखंड की पंचायत में खरीफ का उत्पादन कैसा हुआ है. रिपोर्ट को सभी देख सकें इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा. कटनी की रिपोर्ट से ही तय होगा कि किसान को क्या मुआवजा दिया जाये. मुआवजा का निर्धारण 15 मार्च, 2022 को किया जायेगा. मार्च और अप्रैल में डीबीटी के जरिये किसान के खाते में भुगतान हो जायेगा.

मुआवजा उन्हीं किसानों को मिलेगा जो निबंधन करा लेंगे. अभी सोयाबीन, धान, मक्का की खेती करने वाले किसानों के आवेदन लिये जा रहे हैं. मक्का के लिए पूरे राज्य, तो सोयाबीन की खेती के लिए खगड़िया, बेगूसराय और समस्तीपुर जिलों के किसान ही आवेदन कर सकेंगे.

Also Read: कोरोना पॉजिटिव शवों को गंगा में बहाने से बढ़ेगा संक्रमण का खतरा, मछलियों के जरिये इंसानों को हो सकता है नुकसान

धान के लिए निबंधन को 527 प्रखंडों के किसानों को पात्र माना गया है. भागलपुर जिले के सात प्रखंडों नारायणपुर, नवगछिया, बिहपुर, इस्माइलपुर, गोपालपुर, खरीक व रंगराचौक के किसान इस योजना के लिए अपात्र माने गये हैं.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version