Bihar farming: मनोज कुमार, पटना. बिहार में आलू, प्याज, टमाटर, गोभी, बैंगन समेत दूसरी सब्जियों का उत्पादन लंबे समय से एक सीमित दायरे में हो रही है. उत्पादन भी उसी अनुपात में हो रहा है. अपने राज्य में उत्पादन में गिरावट दूसरे राज्यों पर निर्भरता बढ़ गयी है. इससे बिहार में सब्जियों की कीमतों में असंतुलन बढ़ गया है. बंगाल से आलू और महाराष्ट्र से प्याज तो पहले से आ रहे थे, अब अन्य हरी सब्जियों का भी आयात बढ़ गया है. जिसके कारण सब्जियों के दाम बढ़ गये हैं.
खेती के दायरे में भी आयी गिरावट
वर्ष 2021-22 में सब्जियों का कुल उत्पादन 17844.2 हजार टन था. इसके अगले साल यह घटकर 16349.4 हजार टन हो गया. लगभग 1495 हजार टन सब्जियों के उत्पादन में गिरावट आयी है. सब्जियों की खेती के दायरे में भी गिरावट आयी है. वर्ष 2021-22 में कुल 911.1 हजार हेक्टेयर में सब्जी की खेती हुई थी. अगले साल 889.9 हजार हेक्टेयर में ही सब्जी की खेती हुई.
आलू की खेती का दायरा बढ़ा, मगर उत्पादन घटा
राज्य में आलू की खेती वर्ष 2021-22 में 326.6 व इसके अगले साल 327.7 हजार हेक्टेयर में ही आलू की खेती हुई. खेती का दायरा बढ़ने के बाद भी उत्पादन में कमी हो गयी. वर्ष 2021-22 में 9035.1 हजार टन व इसके बाद के वर्ष में 8778.4 हजार टन ही आलू का उत्पादन हुआ.
प्याज की खेती व उत्पादन गिरा
वर्ष 2021-22 में 58.3 हजार व इसके अगले साल 57.7 हजार हेक्टेयर में ही प्याज की खेती हुई. वर्ष 2021-22 में 1328.3 हजार टन व दूसरे वर्ष 1320.9 हजार टन ही प्याज का उत्पादन हुआ. टमाटर की खेती वर्ष 2021-22 में 62.7 हजार हेक्टेयर में हुई, तब उत्पादन 1161.9 हजार टन हुआ. अगले वर्ष 63.4 हजार हेक्टेयर में टमाटर की खेती हुई और उत्पादन 1166.9 हजार टन हुआ.
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पत्तागोभी व फूलगोभी का उत्पादन गिरा
वर्ष 2021 से दो साल से करैले का उत्पादन 91 हजार टन पर ठहरा है. लौकी के उत्पादन में तीन हजार टन की गिरावट आयी है. बैंगन में बीते साल से महज 11 हजार टन का इजाफा हुआ है. पत्तागोभी के उत्पादन 9 हजार व फूलगोभी के उत्पादन में बीते साल से 30 हजार टन की गिरावट आयी है. हरी मिर्च का उत्पादन दो साल से 481 हजार टन पर ठहरा है. भिंडी में बीते साल से दो हजार टन का इजाफा है. खीरा व परवल का उत्पादन भी दो साल से समान है.